रांची :- कोरोना महामारी के कारण संभावित राजस्व के भारी नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को आम लोगों, व्यवसायियों, प्रोफेसनलों व खनिजों पर सेस के रूप में नया टैक्स लगाया है या वृद्धि की है। सबसे अधिक विमानों के ईंधन पर लगनेवाले टैक्स को चार फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी कर दिया गया है। पेट्रॉल और डीजल पर 22 फीसदी के वर्तमान कर को यथावत रखते हुए न्यूनतम कर के बंधेज को पेट्रोल पर 15 रुपए से बढ़ा कर 17 रुपए और डीजल पर 8.37 रुपए को बढ़ा कर 12.50 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। मतलब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रॉलियम पदार्थों की कीमतों में कमी होने पर भी पेट्रोल और डीजल पर कम से कम क्रमशरू 17 रुपए और 12.50 रुपए प्रति लीटर टैक्स देना ही होगा। अगर 22 फीसदी की दर से टैक्स ज्यादा होगा तो वही देना होगा। इसके अलावा खनिजों के उत्खनन पर सेस लगाने के लिए अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई। राज्य मंत्रिपरिषद ने बुधवार को 25 प्रस्तावों को स्वीकृति दी।
खनिजों पर अतिरिक्त कोविड-19 सेस के लिए अध्यादेश को स्वीकृति
कैबिनेट में राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से झारखंड मिनरल बियरिंग लैंड (कोविड-19)सेस अध्यादेश 2020 को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत कोयला के डिस्पैच पर प्रति मीट्रिक टन 10 रुपए, आयरन पर प्रति मीट्रिक टन पांच रुपए, बॉक्साइट पर 20 रुपए प्रति मीट्रिक टन, लाइम स्टोन पर 10 और मैगनीज पर पांच रुपए प्रति मीट्रिक टन का कोरोना सेस की वसूली की जाएगी।
वन क्षेत्र में खनिजों के उत्खनन पर भी अब टैक्स
भारतीय वन अधिनियम 1927 की विभिन्न धाराओं के तहत अब वन क्षेत्रों में कोयला, लोहा, डोलोमाइट, मैगनेशियम जैसे खनिज पदार्थों के उत्खन पर 57 रुपए प्रति मीट्रिक टन और लघु खनिज पत्थर, मार्बल, मोरम गिट्टी पर 35 रुपए प्रति मीट्रिक टन का टैक्स देना होगा। वृहत खनिज पर मध्य प्रदेश और उतराखंड में भी पहले से क्रमशरू 57 रुपए एवं 50 रुपए प्रति मीट्रिक टन का टैक्स लिया जाता है।
अब सबको देना होगा प्रोफेशनल टैक्स
पूर्व में एक जुलाई 2017 से झारखंड वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और रोजगारों पर कर अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हैं या जिन्हें रजिस्टर्ड होना है, उन्हें ही जीएसटी के तहत टैक्स देने का प्रावधान किया गया था। अब यह प्रोफेसनल टैक्स उन सब पर लागू होगा जो रजिस्टर्ड हैं, नहीं हैं। टैक्स का दर वही पुराना होगा, जिसमें पांच लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं, पांच लाख एक रुपए से 10 लाख तक 1000 रुपए प्रति वर्ष, दस लाख एक रुपए से 25 लाख तक 1500 रुपए, 25 लाख एक रुपए से 40 लाख तक दो हजार रुपए प्रति वर्ष और 40 लाख एक रुपए से ऊपर वालों को ढाई हजार रुपए प्रति वर्ष। अब नए दायरे में आनेवाले प्रोफेसनल्स u को भी एक जुलाई 2017 से ही टैक्स देना होगा। इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष 30 करोड़ की आय की उम्मीद है।