पोटका 11 अक्टूबर संवाददाता : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हाता में आज झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासियों का सबसे बड़ा शोषक बताया।उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हित का दावा करने वाली इस पार्टी ने आदिवासियों के साथ खिलवाड़ किया. इन्होंने लोगों को सिर्फ गुमराह किया. सोरेन परिवार ने झारखंड में करोड़ों रुपये मूल्य की आदिवासियों की जमीन कौ?ियों के भाव खरीद ली. आदिवासी मुख्यमंत्री ने जनजातीय भाषा का अपमान किया.
मुख्यमंत्री ने ‘जोहार जन आशीर्वाद यात्राÓ के तहत हाता में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप ऐसे नेता के चरित्र को समझें. खासकर आदिवासी युवा यह जानें कि नेता प्रतिपक्ष ने जनजातीय भाषा का अपमान किया. 1 सितंबर, 2013 को हेमंत सोरेन की सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से जेपीएससी से जनजातीय भाषा की मान्यता को समाप्त करवा दिया. युवाओं ने मुझसे मिलकर अपनी पीड़ा साझा की. तब जाकर हमारी सरकार ने 9 जनजातीय भाषा को यूपीएससी में शामिल करवाया, ताकि आपको आपका हक मिल सके.Ó
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों को सिर्फ चुनाव के समय आदिवासियों की याद आती है. चुनाव के बाद इन्हें सिर्फ पूंजीपति याद रह जाते हैं. इसका एक बड़ा उदाहरण बताता हूं. राज्य के बालू का ठेका मुंबई की बड़ी कंपनी को दिया गया. लेकिन, हमारी सरकार ने बालू उठाव का पूरा हक ग्राम सभा को दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के चरित्र को समझने की जरूरत है.
संस्कृति और भाषा के साथ भी किया खिलवाड़
हेमंत सोरेन का नाम लिये बगैर रघुवर दास ने कहा कि संथाल का होने के बावजूद मुख्यमंत्री रहते उन्होंने संथाली भाषा के लिए कुछ नहीं किया. वहीं, वर्तमान सरकार ने कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई ओल चिकी में सुनिश्चित की है. अब संथाल के रेलवे स्टेशन पर संथाली भाषा में अनाउंसमेंट हो रहा है. बच्चों को संथाली भाषा में शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. जब तक नियुक्ति नहीं हो रही है, तब तक गांव के ही पढ़े लिखे युवक-युवतियों को पढ़ाने का मौका दिया जा रहा है.