रांची, 14 जुलाई : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर झारखंड में बढ़ रही नक्सली गतिविधियों एवं राजनीतिक दलों से खासकर बीजेपी से जुड़े नेताओं को प्रदत्त सुरक्षा हटा लेने की ओर ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने लिखा है कि नई सरकार के गठन के छह माह के अंदर माओवादियों द्वारा प्रदेश में छोटी बड़ी 42 वारदातें कर दी गयी हैं. हाल ही चाईबासा में लगातार दो दिन दो बड़ी घटनाएं हुई. श्री मरांडी का कहना है कि सुरक्षा मामले में राज्य सरकार सुरक्षा कमिटी के थ्रेट परसेप्शन के आधार पर सिक्युरिटी देने के बजाय राजनीतिक चश्मे से सुरक्षा प्रदान कर रही है. एक ओर जहां निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को छोड़कर अन्य भाजपा नेताओं की सुरक्षा में लगे जवानों को हटा दिया गया वहीं सत्तारूढ़ दल से जुड़े ठीकेदारों, बिचौलियों आदि को सुरक्षा कवर दिया गया है. राज्य में अभी प्रभारी डीजीपी हैं और उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के आधार पर बड़े पैमाने पर सुरक्षा गार्डों को वापस बुला लिया है.
विदित हो कि सुरक्षा गार्डों का मामला हमेशा से राजनीति का विषय बना रहा. पूर्व सरकार ने कई ‘चिरकुट’ नेताओं के सुरक्षा गार्डों को हटाने का आदेश दिये जाने पर भी बवाल हुआ था. आमतौर पर थ्रेट परशप्शन के अलावे मुख्यमंत्री सचिवालय से पैरवी होना भी सिक्युरिटी गार्ड उपलब्ध कराने का बड़ा आधार बनता है.