Jamshedpur 18 january
*झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 900 घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (धरना-प्रदर्शन)पर जायेंगे। उक्त निर्णय आज के आनलाइन गुगल मीट ऐप पर सातों विश्वविद्यालयों के लगभग 125 शिक्षकों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया।इन शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिपक्ष में रहते हुए वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर आपसबों की मांग पूरी की जायेगी। परंतु उच्च शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या-04/वि०-1-135/2016-01,दिनांक 01.01.2021 के कंडिका संख्या- 3 (ख) में कर्णांकित घंटी आधारित अनुबंध शिक्षक के पुनर्चयन हेतु नये पैनल के गठन का निर्देश देना सरासर अन्याय है।जिसे अविलंब संशोधित करने एवं पूर्व के पैनल (02.03.2017)पर कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करने की मांग सरकार से की गई है।*
*विदित हो कि उच्च शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार द्वारा पारित संकल्प संख्या-04/वि०1-135/ 2016-01,दिनांक-01.01.2021 के कंडिका संख्या (3)(ख) में कर्णांकित राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के पुनर्चयन हेतु नये पैनल के गठन का निर्देश सभी विश्वविद्यालयों को दिया गया है,जो माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड द्वारा पारित न्याय निर्णय के विरुद्ध है एवं वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को नैसर्गिक न्याय से वंचित रखना है। विदित हो कि इससे पूर्व उच्च, तकनीकी, शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के संकल्प सं-4/वि०-135/2016/516, दिनांक 02.03.2017 के आलोक में यू०जी०सी०अर्हता के आधार पर कुलपति महोदय /महोदया की अध्यक्षता में गठित चयन समिति तथा बाह्य विषय-विशेषज्ञ की उपस्थिति में साक्षात्कार और शैक्षणिक अंक के प्राप्तांक के आधार पर, रोस्टर प्रणाली का पालन करते हुए स्वीकृत रिक्त पदों पर तैयार मेधा सूची से अनुशंसित विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक विगत तीन वर्षों से कार्यरत हैं। जिनके पैनल अवधि का विस्तार उक्त संकल्प के कंडिका-03(क)के द्वारा अल्प समयावधि 31.03.2021तक के लिए किया गया है। परंतु पुनः नये पैनल का गठन उसी प्रक्रिया के आधार पर करना सर्वथा अनुचित है। इन शिक्षकों का कहना है कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रकाशित होने वाले विज्ञापन पर अविलंब रोक लगाते हुए वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के पैनल का विस्तार 65 वर्षों की आयु तक, निश्चित मासिक मानदेय के साथ किया जाय ,तदुपरांत रिक्त पदों पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाय,इन शिक्षकों ने अपनी मांग से सरकार को अवगत करा दिया है। अगर सरकार एक सप्ताह में कोई ठोस पहल नहीं करते हैं,तो 28 जनवरी से सभी अनुबंध सहायक प्राध्यापक मोराबादी मैदान स्थित गाॅंधी वाटिका के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (धरना-प्रदर्शन) पर चले जायेंगे।*