नई दिल्ली,8 नवंबर (ईएमएस):सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा हटाने के केंद्र के फैसले की कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। पार्टी ने इसे मोदी सरकार की निजी बदले की कार्रवाई बताया है। गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल ने कहा कि इससे देश के उन 2 पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवारों की सुरक्षा के साथ समझौता हुआ है, जिन्होंने आतंक और ङ्क्षहसा के खिलाफ कार्रवाई की थी।
अहमद पटेल ने ट्वीट किया, ‘2 पूर्व प्रधानमंत्री जिन्होंने आतंक और ङ्क्षहसा के खिलाफ कदम उठाए थे, उनके परिवार की ङ्क्षजदगी के साथ खिलावड़ करके बीजेपी निजी बदले के चरम पर उतर चुकी है।’ हाल ही में सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह की भी एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया था। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी सुरक्षा हटने के बाद अब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास यह सुरक्षा कवच है।
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीएम मोदी और अमित शाह पर लोकतांत्रिक परंपराओं की हत्या का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने कानून में संशोधन करके इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के परिवार को एसपीजी सुरक्षा देने का फैसला किया था।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका की ङ्क्षजदगी से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जब यह चर्चा उठी थी कि एसपीजी कवर हटेगा तब मनमोहन ङ्क्षसह ने कैबिनेट सेक्रटरी को लिखकर ङ्क्षचता जताई थी। उन्होंने गांधी परिवार को खतरे की बात कहते हुए एसपीजी सुरक्षा जारी रखने का अनुरोध किया था। उनके खत का जवाब तक नहीं दिया गया। यह बदले की राजनीति है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
स्पेशल प्रटेक्शन ग्रुप यानी झ&क्ष की स्थापना 1988 में संसद के जरिए बने कानून के तहत हुई थी। प्रधानमंत्री के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को एसपीजी सुरक्षा मिलती है बशर्ते कि सरकार को लगे कि उन्हें बड़ा खतरा है।
बता दें कि सरकार ने फैसला किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका को अब एसपीजी सुरक्षा के बजाय ढ+ सुरक्षा दी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सुरक्षा का मूल्यांकन करने के बाद सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि राजीव गांधी और इंदिरा गांधी दोनों की ही हत्या हुई थी।