जमशेदपुर, 30 अक्टूबर (रिपोर्टर) : केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के घोड़ाबांधा स्थित आवास पर मंगलवार को आयोजित महाप्रसाद में मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित राज्य की कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुई थी, मगर सबकी निगाहें बहरागोड़ा के राजनीतिक घटनाक्रम के केन्द्र में रहनेवाले तीन व्यक्तियों पर टिकी हुई थी. हाल ही में झामुमो से भाजपा में शामिल हुए विधायक कुणाल षाड़ंगी, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी और कुछ साल पहले भाजपा में शामिल हुए समीर मोहंती इस आयोजन में मौजूद थे. पिछला 2014 का विधानसभा चुनाव इन तीनों ने अलग-अलग राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह पर लड़ा था. दिनेशानंद गोस्वामी भाजपा के उम्मीदवार थे, जबकि समीर मोहंती झाविमो के. जीत झामुमो उम्मीदवार कुणाल षाड़ंगी को मिली थी. अब तीनों कमल फूल थामे खड़े हैं. कल के आयोजन में दिनेशानंद जहां पुराने कद्दावर भाजपाइयों के बीच बैठे नजर आये, वहीं कुणाल इनसे हटकर कुछ दूरी पर कुछ युवा कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे. हालांकि मीडिया का आकर्षण का वे केन्द्र बने हुए थे. सभी इन तीनों पर नजर गड़ाये हुए थे. समीर मोहंती को लेकर यह चर्चा थी कि वे कितने दिनों तक भाजपाई बने रहेंगे, यह तो समय ही बताएगा. कुणाल षाड़ंगी के भाजपा में शामिल होने का मतलब साफ है कि वे बहरागोड़ा के भाजपा प्रत्याशी होने जा रहे हैं. यही वजह है कि समीर मोहंती पर अब अलग राह अपनाने का मूड बना चुके हैं. इसके लिये बकायता वे लोगों के बीच पहुंचकर उनका मंतव्य जानने का प्रयास भी कर रहे हैं. वे विभिन्न पंचायतों में एक कागज का चिट्ठा लोगों के बीच भेज रहे हैं तथा उनसे राय मांग रहे हैं कि वे अपना राजनीतिक भविष्य किस तरह आगे ले जाएं. ऐसी संभावना है कि जिस तरह कुणाल षाड़ंगी भाजपा में शामिल होकर घर-वापसी का दावा कर रहे हैं, कुछ वैसा ही समीर मोहंती झामुमो में शामिल होकर करेंगे.
2014 विधानसभा चुनाव के बाद बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच समीर मोहंती झाविमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे. वे इसबात की उम्मीत लगाये बैठे थे कि वे अगले भाजपा प्रत्याशी होंगे. उधर दिनेशानंद भी बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे हैं. चर्चा यह भी है कि एक सरकारी कार्यक्रम मेें दिनेशानंद गोस्वामी को देखकर कुणाल षाड़ंगी भड़क गये थे. अब बदले राजनीतिक समीकरण में वे दोनों साथ आ गये हैं.
दिनेशानंद गोस्वामी का राजनीतिक कद बड़ा रहा है. यही वजह है कि इस बात की भी चर्चा है कि श्री गोस्वामी को जमशेदपुर की किसी अन्य सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. कहा जाता है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है. यही वजह है कि आनेवाले कुछ दिन बहरागोड़ा की राजनीति में बड़े उठा पटक का गवाह बनने जा रहे हैं.