किसानों और श्रमिकों के सामाजिक उत्थान को मोदी सरकार में सर्वाधिक महत्व :- रघुवर दास

जमशेदपुर: 8 जून संवाददाता पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा हैै कि मोदी सरकार केे पिछले एक वर्षों में ऐतिहासिक निर्णय लिए। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज को आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव बताया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर श्री दास ने एग्रिको स्थित आवासीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि एवं उद्योगों के के लिये 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विशेष पैकेज की घोषणा करके आत्म निर्भर, भारत के अभ्युदय भारत का सूरज उगाया है। यह पैकेज देश की कुल जी.डी.पी. का लगभग 10 प्रतिशत है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत देश की 80 करोड़ जनता को मोदी सरकार ने फूड सिक्योरिटी योजना से पांच माह का मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। महिला जनधन खाताधारकों को खाता में पांच सौ रुपये के हिसाब से प्रत्येक को पंद्रह सौ रुपये, किसानों के खाते में दो हजार की राशि, सम्मान निधि अग्रिम किस्त के रूप में ट्रांसफर की जा चुकी है। इसी प्रकार देश के आठ करोड़ घरों में तीन गैस सिलिंडर केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त दिया जा रहा है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के खाता में एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 हजार रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को दस-दस हजार की आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की जा रही है।
कोरोना संकट के दौर में पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी और स्वावलंबन का नारा देते हुए देश की आत्मा को जगाया है।केंद्र सरकार किसानों और श्रमिकों के सामाजिक उत्थान के लिए जिन योजनाओं को सर्वाधिक महत्व दे रही है। उनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना, प्रधानमंत्री लघु व्यावसायिक मनधन योजना, जलशक्ति मंत्रालय और हर घर जल योजना, एक देश एक राशन कार्ड एवं मनरेगा आदि शामिल है।

राज्य सरकार में इक्षाशक्ति की कमी:
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए सरकार में इक्षाशक्ति की कमी बताया। एक सवाल के जवाब में श्री दास ने कहा कि देश मेंएक ओर जहां अनलॉक हो रहा है वहीं झारखंड में ऐसा करने से सरकार हिचक रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री समेत विधायक बेबस और लाचार दिख रहे हैं। प्रवासी मजदूरों व छात्रों के अपने प्रदेश वापसी में भी सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया।मुख्यमंत्री सबको रोजगार देने की बात कहते हैं। परंतु, वापस आये मजदूर भाइयों के लिए रोजगार की कोई रूपरेखा तैयार नही है। केवल बयानों से दिग्भ्रमित करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। सिर्फ मनरेगा के भरोसे बेरोजगारी दूर नही हो सकती। केंद्र सरकार द्वारा विशेष आर्थिक पैकेज का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल झारखंड प्रदेश के लिए हो, इसके लिए सरकार को पहल करने की आवश्यकता है। रोजगार की दृष्टि से टेक्सटाइल उधोग, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आधिक संभावना है।

पार्टी के राहत कार्यों का दिया व्योरा
उन्होंने कोरोना के जिला? राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के द्वारा किए गए राहत कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया:
पांच करोड़ लोगों को भोजन के पैकेट मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसके मुकाबले पार्टी ने 19 करोड़ 28 लाख भोजन पैकेट बांटे।
? भाजपा ने पांच करोड़ मास्क बांटने का लक्ष्य रखा था। इसकी जगह पार्टी ने 5 करो? 2 लाख फेस मास्क बांटे।
भाजपा ने करीब 4.86 करोड़ राशन किट का वितरण किया है। मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पांच करोड़ जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट मुहैया कराने का निर्देश दिया था।
लॉकडाउन से प्रभावित होने वालों की मदद के लिए देशभर के कम से कम 8.23 लाख पार्टी कार्यकर्ता जुटे हैं।
?8.23 लाख कार्यकर्ताओं ने जमीनी स्तर पर राहत अभियान में भाग लिया। कुल 907 संगठनात्मक जिलों के 13796 मंडलों में पार्टी लॉकडाउन के दौरान सेवा कार्यो का संचालन कर रही है। खास बात है कि कल 4.48 लाख से अधिक कार्यकर्ताओ ने बीमार और वृद्धों की देखभाल का बीड़ा उठाया है। कोरोना वॉरियर्स को धन्यवाद देने के लिए भाजपा ने कुल 12.87 लाख से अधिक बूथों पर ‘थैंक्यू कोरोना वॉरियर्स’ हस्ताक्षर अभियान चलाया है।

निजी स्कूलों को पैकेज दे राज्य सरकार-रघुवर दास
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निजी स्कूलों की फीस माफी के मुद्दे पर कहा कि निजी स्कूल राज्य की शिक्षा में अहम भू्मिका निभा रहे ह. अभी हर कोई समस्या में है। निजी स्कूलों के पास भी शिक्षकों को वेतन देने के लियेपैसे चाहिये। राज्य सरकार पहल करते हुए निजी स्कूलों को पैकेज दे तभी फीस माफी हो सकती है।

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