कानपुर का विकास दुबे तुम्हारा कोयलांचल का ‘विकास दुबे’ हमारा इशारे पर नाचती थी भाजपा सरकार रूसी दूतावास की प्राथमिकी भी कचड़ेे के डब्बे में

धनबाद। 10 जुलाई प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश में विकास दूबे एनकाउंटर अभी हॉट केक बना हुआ है, लेकिन यकीन मानिए धनबाद जिले के बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो से ऐसे कई विकास दूबे रूतबे, तेवर और दबंगई में पानी मांगेंगे। रूसी दूतावास की बातों पर भरोसा करें तो टाइगर ढुलू का साम्राज्य अली बाबा एंड फोर्टी थीव्स की कहानी जैसी है। ढुलू ने रूसी कम्पनी का काम रोकवाया। खुलेआम रंगदारी मांगी। 40 लोग साथ गए। उनके लिये नौकरी मांगी। उनका वेतन भी टाइगर ही उठाते। उन्हें चंद रुपये चटा देते। अजीब संयोग देखिए कि ढुलू के खिलाफ मुकदमे भी अब तक 40 ही दर्र्ज हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने ताबड़तोड़ ढंग से मुठभेड़ में विकास दुबे को मार दिया, लेकिन कोयलांचल के ‘विकास दुबे ‘ के लिए पूरी प्रदेश भाजपा अपने अध्यक्ष और मनोनीत विधायक दल के नेता के साथ उसके घर पहुंच गई और उसपर सरकार के इशारे पर दमन चक्र चलाने का दावा कर दिया,लेकिन यह भूल गयी कि अब तक के 40 मुकदमों में 33 मामले भाजपा नीत रघुवर सरकार समेत पूर्व राज्य सरकारों के दरम्यान ही दर्ज किए गए।
जेल में बन्द विधायक ढुलू महतो के तेवर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि माफिया नगरी कोयलांचल में ढुलू के इशारे के बिना एक पत्ता भी नहीं खड़क सकता था। उन्होंने अपने आवास के समीप रामराज मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर के निर्माण में कई विकास दूबे मुंशीगिरी करते देखे गए हैं। कभी धनबाद में यूपी के बाहुबलियों का राज हुआ करता था। सिंह मेंशन, सिजुआ मोड़…कतरास मोड़ की तूती जब थी, तब उन दबंगों की कहानियां मीडिया में खूब उछलती थीं, अब रामराज की कृपा के बिना एक ढेला कोयला भी हिल नहीं सकता है। इसी रामराज मंदिर में पहुंची भाजपा टीम ने राम की मर्यादा के विपरीत अमर्यादित वयान दिया।
अधिवक््ता सोमनाथ चटर्जी के आरटीआई पर धनबाद पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि ढुलू महतो के खिलाफ फरवरा 2020 तक विभिन्न थानों में 36 मामले लंबित हैं। इस सूची के अनुसार 2019 दिसंबर तक 33 मुकदमे थे जो अधिकांश रघुवर या अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकारों के कार्यकाल में दर्ज हुए थे। हालांकि इस सूचना के बाद भी ढुलू के विरुद्ध और चार मुकदमे दर्र्ज हुए हैं। कुल 40 मामले का सर्टिफिकेट लेकर ढुलू टाइगर कोलफील्ड में दहाड़ रहे हैं। उपर्युक्त 33 मामलों की संख्या और अधिक हो सकती थी वशर्ते शिकायतकर्ता थानों से ही या तो भगा नहीं दिये जाते या समझौता करने के लिये विवश नहीं किये जाते। एक मामले को तो रघुवर सरकार ने वापस ही कर लिया था जो बाद में पीआईएल का विषय बना और न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पुन: चलाना पड़ा और इसी में विधायक को डेढ साल की सजा भी सुनाई गयी थी। यह संयोग है कि अन्य विपक्षी दलों के विधायकों को ऐसे मामलों में दो साल तक से अधिक की सजा हुई और उनको अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी। 2014 से 2019 की सरकार के कार्यकाल इस विकास का साम्राज्य खूब बढा। लगभग पांच साल में मुख्यमंत्री कम से कम दस बार इस विकास को देखने स्वयं आते रहे। यहां ंतक कि दलदली(निरसा) में ब्रह्मलीन एक अतिप्रसिद्ध महंत के प्रसाद कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा नेताओं के कहने के बाद भी समय की कमी बताकर नहीं गये और विकास को देखने बाघमारा पहुंचे।
और तो और उनकी दबंगई की हद तब पार कर गई जब बीसीसीएल में कार्यरत रूसी टीम से भी उसने रंगदारी मांगने की हिमाकत कर डाली। ढुलू ने साफ कहा था कि बिना रंगदारी दिए और 40 लोगों को नौकरी दिये बिना वे रूस, अमरीका, लंदन किसी को भी काम नहीं करने देंगे। भारत-सोवियत रिश्ते का भी इससे मतलब था, लेकिन ढुलू को इससे क्या सरोकार? उसे तो काले खजाने की चाबी से लेनादेना रहा। बाध्य होकर रूसी कन्सुलेट जेनरल इरिना के बस्किरोव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखा। पत्र में ही ढुलू की रंगदारी और 40 लोगों की कहानी का जिक्र है। चि_ी के बाद सरकार भी सकपकाई क्योंकि किसी विदेशी दूतावास ने सत्ता पक्ष के किसी प्रतिनिधि के खिलाफ पहली बार खुला आरोप लगाया था। स्पॉट पर बड़ेे अधिकारी पहुंचे। कोल इंडिया के हाकिम भी शामिल थे। कोयला मंत्रालय ने तुरन्त एफआईआर का आदेश दिया। राज्य सरकार ने भी हामी भरी लेकिन ढुलू के तेवर के आगे सबकुछ कमजोर पड़ गया।रूसी कांसुलेट की चि_ी कचड़ेे के डब्बे में चली गई। टाइगर की दहाड़ जारी रही। अली बाबा एंड फोर्टी थीव्स की कहानी दफन हो गई। इस मामले में भी प्राथमिकी दर्ज नहीं ही हुई।
वर्ष 2019 तक तो ढुलू इलाके का गॉड फादर बन गए थे। पूरी सरकार उनके इशारे पर चलती थी। टाइगर को नजरंदाज कर कोई एकदिन भी कोलफील्ड में टिक नहीं पाता था। धनबाद जाना हो ‘रामराज’ की कृपा जरूरी बन गया था।
जब बाबुलालजी जेवीएम सुप्रीमो रहे तब ढुलू पर अकूत सम्पत्ति बटोरने का आरोप लगाकर डीसी लाइन पर सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे रघुवर दास उनके निशाने पर थे। वे कहते थे जमशेदपुर और बाघमारा का लिंक उजागर हो। हालांकि अब वही बाबूलाल फिर रामराज की रखवाली के लिए पूरी पार्टी लेकर चिटाही पहुंच गए। एक तो आलाकमान का आदेश, ऊपर से ढुलू की चेतावनी कि पार्टी मदद नहीं करेगी तो वे पाला बदल लेंगे। सरकार पर प्रेसर बनाने और ढुलू को खुश करने के लिए ही प्रदेश भाजपा के बड़ेे हाकिम गुरुवार को बाघमारा पहुंचे थे। मतलब साफ है विकास होता रहा और विकास फंड रेजर भी बना रहा।
टाइगर की कहानी अगले सप्ताह से यू टर्न लेने की उम्मीद की जा रही है। कल शनिवार को यौन शोषण मामले में गिरफ्तार विधायक की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में निर्णय भी आने वाला है।

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