चाईबासा कार्यालय, ३१ मई : कराईकेला थाना के जोनुवा गांव में आज अपराहन् घात लगाकर घरों में छिपे प्रतिबंधित भाकपा माओवादी के अपराधियों द्वारा पुलिस बल पर फायरिंग कर दी गई जिसमें एक जवान शहीद हो गये, जबकि एक एसपीओ की भी गोली लगने से मौत हो गयी। पुलिस द्वारा की जा रही जवाबी फायरिंग के दौरान गांव की महिलाओं और बच्चों को आगे कर नक्सली भागने में सफल हो गये। पुलिस अधीक्षक इन्द्रजीत महथा ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादियों की गतिविधियों की सूचना के बाद आज अपर पुलिस अधीक्षक अभियान प्रणव आनन्द झा एवं एएसपी सह एसडीपीओ चक्रधरपुर नाथू सिंह मीणा के नेतृत्व में पुलिस पहाडिय़ों की ओर जा रही थी तभी कराईकेला थाना के जोनुवा गांव में यह वारदात कर दी गई। पुलिस टीम गांव के रास्ते खपडैल घरो के बीच से निकल रही थी, उसी दौरान घात लगाकर छिपे नक्सलियों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। अप्रत्याशित एकाएक हुई फायरिंग से पुलिस टीम को संभलने और मोर्चा लेने में जो समय लगा तभी ग्रामीणों, महिलाओं और बच्चों को आगे कर नक्सली भागने लगे। पुलिस ने काफी संयमित होकर जवाबी फायरिंग की। उग्रवादियों की ओर से चली गोली एएसपी के अंगरक्षक लखीन्द्र मुण्डा एवं एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो को लगी। दोनो को उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया लेकिन वहां पहुंचते पहुचंते उनकी मौत हो गई। इस बीच उन्हें हेलीकाप्टर से भेजने की भी तैयारी की गई थी। दण्डाधिकारी की उपस्थिति में शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। एसपी ने बताया कि इन्हें पूरे शहादत के प्रावधानों के तहत अंतिम विदाई दी जायेगी और अन्य प्रक्रियाएं पूरी होंगी।
घटना की सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक इन्द्रजीत महथा घटना स्थल पहुंचे, पुलिस पहाडिय़ों तक गई। अतिरिक्त जिला बल एवं सीआरपीएफ के जवानो को घटना स्थल की ओर भेजा गया और इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरू किया गया, लेकिन शाम हो जाने के कारण अभियान को रोकना प$डा। पुलिस अधीक्षक ने इस घटना को माओवादियों की कायरतापूर्ण र्कारवाई बताया। उन्होंने बताया कि इस तरह ग्रामीण रास्ते एवं घरों की आ$ड लेकर माओवादियों द्वारा पहली बार घात लगाकर पुलिस जवानो पर हमला किया गया है। उन्होंने प्रतिबंधित भाकपा माओवादी को आतंकी संगठन की संज्ञा देते हुए कहा कि जवानो की शहादत बेकार नहीं जाएगी। पुलिस उनके शहादत से प्रेरणा लेकर अपना अभियान जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने जवान की शहादत पर गर्व है कि आज रविवार छुट्टी का दिन होने के बावजूद वे अपने कत्र्तव्य पर डटे हुए थे। इस नक्सली-पुलिस मुठभे$ड में शहीद जवान लखीन्द्र मुण्डा चक्रधरपुर के झरझरा गांव तथा एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो ओटार गांव का रहने वाले थे। पुलिस अधिक्षक ने बताया कि माकपा माओवादी पिछले तीन दशकों से इस क्षेत्र में आतंक चला रहे हैं। उन्हें लोकतंत्र के सभी संस्थाओं और चुनावों के विरोधी हैं जबकि पुलिस का उद्देश्य ग्रामीणों की सुरक्षा और क्षेत्र का विकास है। उनसे हमारी लड़ाई में हमारे जवान शहीद होते आये हैं लेकिन हमारा मनोबल कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारा अभियान अभी और तेज होगा।
आज गोलीवर्षा के बाद गांव के घर से चटाई, दरी, जूता, उनके यूनिफार्म आदि मिले।
घात लगाये बैठे थे नक्सली
नक्सलियों के टारगेट में थे बड़े अधिकारी भी
चक्रधरपुर: जोनुवा गांव के तालाब में नक्सलियों ने मछली मारने के बाद मछली भात खा कर पुलिस के खिलाफ मोर्चा संभाला था. चर्चा है कि नक्सलियों को मालूम था कि इस जगह पुलिस आ सकती है. इस बात की चर्चा भी चल रही है जिस प्रकार की घटना नक्सलियों ने अंजाम दिया है उससे कई बड़े अधिकारी भी आज नक्सलियों के टारगेट में थे. एसपी ने कहा कि अब नक्सलियों के खिलाफ और भी व्यापक रूप से जोनुवा समेत पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जाएगा.
नक्सलियों के खिलाफ और तेज होगा अभियान : डीआईजी
कोल्हान के डीआईजी राजीव रंजन ने कहा कि जोनुआ क्षेत्र में सर्च अभियान के दौरान जो घटना हुई वह प्रतिबंधित माओवादी नक्सलियों की कायरता है पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रखेगी ।
नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान के कारण ही आज नक्सली घबराकर कायराना हमला कर रहे हैं परंतु अब सर्च अभियान और भी व्यापक रूप से चलाया जायेगा। जोनुआ गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद कोल्हान के डीआईजी अनुमंडल अस्पताल पहुंचे थे।