जमशेदपुर, 5 जून (रिपोर्टर): होटल अल्कोर के प्रबंध निदेशक राजीव सिंह दुग्गल की धर्मपत्नी श्रीमती कंवल दुग्गल ने आज अत्यंत भावुक होकर कहा कि उनके परिवार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा घृणित लांछन लगेगा कि उनके पति देह व्यापार में शामिल हो. श्रीमती दुग्गल ने कहा कि होटल अल्कोर के अलावे उनकी अन्य छह-सात कंपनियां और उद्योग चलते हैं जिनमें कुल 730 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. होटल में ही महिला और बालिकाएं काफी संख्या में काम करती हैं. वे खुद और उनकी बेटियां भी पेशेवर ढंग से काम की देखभाल करती हैं. ऐसी हालत में किसी पति या पिता पर ऐसे आरोप लगे तो परिवार पर क्या गुजरेगा इसकी कल्पना कोई भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस तीन बजे रात में उनके पति को घर से लेकर गई. उन्होंने पुलिस के साथ पूरा सहयोग किया लेकिन आनन-फानन में इस कोविड के समय 60 साल से अधिक उम्र के एक व्यक्ति को जिस तरह जेल भेजा गया वह इतना तो संकेत देता है कि मामले की पीछे कुछ और बात है जो अभी सामने नहीं आ रही है. पति जेल में है. दो बेटियों के साथ मैं अकेले घर में आंसू बहाती हूं. बहुत सूचनाएं मेरे पास नहीं आती. मैंने कई बार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मिल कर अपनी बातें रखी लेकिन किसी ने न्याय करने की दिशा में कोई ऐक्शन नहीं लिया. सबसे ज्वलंत उदाहरण है होटल में स्थित उनकी सभी कंपनियोंं के कारपोरेट आफिस को भी बिना किसी नोटिस के सील किया जाना. इस सीलिंग के संबंध में उन्हें कोई पत्र भी नहीं दिया गया. अदालत में जब यह बात उठायी जाती है तो वहां बताया जाता है कि पुलिस ने एफआईआर के साथ ऐसा कोई सीजर लिस्ट नहीं दिया है. प्रशासन और पुलिस ने सील किये जाने के बावत प्रबंधन को कोई पत्र या नोटिस नही दिया. इस कारपोरेट आफिस में उक्त कंपनियों में कार्यरत सभी कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेज, व्यापार संचालन हेतु बैंक दस्तावेज, चेक बुक आदि हैं. कर्मचारी अपनी तनख्वाह मांगते हैं. हमारे पास पैसे देने की कोई व्यवस्था नहीं . इसके चलते मुझे रिश्तेदारों एवं अन्य लोगों के आगे हाथ पसारना पड़ रहा है. होटल सील किया गया लेकिन बाहर से वहां काम करने आई लड़कियों के लिए मेस काफी अनुनय-विनय के बाद खुला छोड़ दिया गया जहां हम आज भी उन्हें भोजन करा रहे हैं. दूर-दूर से आई लड़कियों के परिवार वाले परेशान है और उन्हें वापस ले जाने पर आमदा है. इस कार्रवाई से होटल कर्मचारियों, हमारे अन्य प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों पर आफत आई हुई है लेकिन इस मानवीय पहलू पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. लॉकडाउन उल्लंघन का जहां तक मामला है प्रशासन को पूरी जानकारी थी कि होटल में रेस्टोरेंट चल रहा है. लॉकडाउन में भोजन के लिए जिन होटलों और रेस्टोरेंट की सूची बनाई गई थी उसमें होटल अल्कोर भी था. देह व्यापार में कथित रूप से लिप्त जिस लड़की को लेकर पूरी अपराध कहानी बनी वह लॉकडाउन से पहले आई थी. अब तो उसे सभी मामलों में जमानत पर छोड़ दिया गया. जब अपराध के केन्द्र में रही लड़की को ही जमानत दे दी गई तो फिर मेरे पति के साथ यह व्यवहार क्यों हो रहा है?. वे कई बीमारियों से ग्रसित हैं और वे आज डेढ़ माह से जेल में बंद है. उन्होंने प्रशासन से अपील की कि होटल और कारपोरेट आफिस को खोल दे ताकि कारोबार चल सके और उससे जुड़े कर्मचारियों की जिंदगी सुचारू रूप से बहाल हो सके या प्रशासन ने जब सील किया है तो उस संबंध में हमें सीजर लिस्ट दे दें ताकि हम अदालत से गुहार लगा सके. कंवल दुग्गल ने दावा किया कि होटल का कस्टोडियन महाप्रबंधक है फिर प्रबंध निदेशक को क्यों घसीटा गया इस पर भी पुलिस जवाब नही दे रही ।