जमशेदपुर 6 मार्च संवाददाता : ज्यों-ज्यों पुलिस साइबर अपराधियों पर नकेल डालने का प्रयास कर रही है, त्यों-त्यों वे नई तकनीकों के सहारे खातेदारों का माल साफ करने की ओर आगे बढ़ते जा रहे हैं. अभी पुलिस को पता चला है कि शहर मेें साइबर अपराधियों ने एसबीआई की पांच एटीएम में लगे रीडर व चिप्स को निकालकर अपने उपकरण लगा दिए हैं. इस तरह एटीएम को ही हैक कर लिया है. यह जानकारी साइबर थाना प्रभारी उपेन्द्र कुमार मंडल ने दी है.
उन्होंने बताया कि इस कारण एटीएम क्लोन कर ली गई हैं. ऐसे 5 एटीएम कार्ड जांच के दरम्यान मिले हैं. वे कार्ड अमित कुमार, बिन्दु अनुमत राय, पंचानंद पंडा, फिक्का परवीन, बिनोद प्रसाद व गौरभ चौधरी के हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा पेचकस से एटीएम के रीडर को उठा दिया गया है. इस कारण ग्राहक जब कार्ड डालता है तो वह नीचे गिर जाता है और अपराधी उसे ले जाते हैं. अभीतक की जांच में पता चला है कि शहर के पांच एटीएम एसबीआई के शास्रीनगर रोड नम्बर दो, पारडीह सिटी ईन होटल व राजेन्द्रनगर साकची शीतला मंंिदर, बारीडीह विजयागार्डेन,आजादनगर व मानगो गांधी मैदान की मशीनों में साइबर अपराधियों अपने रीडर व चिप्स लगा दिए हैं.
छानबीन में यह भी बात समाने आयी है स्कि स्टेशन रोड संकटा सिंह पेट्रोल पम्प, मानगो व पाराडीह चौक में लगे एसबीआई के एटीएम से भी अपराधियों द्वारा रुपये की निकासी कर ली गयी है इस बात का अंदेशा है कि अपराधियों द्वारा शहर की अधिकतर एटीएम में यह गड़बड़ी की गई है. विजयागार्डेन व संकटा सिंह पेटो्रल पम्प में लगी एटीएम से रुपये की निकासी होने की बात समाने आयी है. इसकी शिकायत सम्बंधित बैंकों के मैनेजर से की गयी है. उस व्यक्ति ने साइबर थाने में शिकायत की है, साथ ही बैंक को सूचित भी किया है. बैंक ने निकासी की रकम लौटने की बात कही है. पुलिस का कहना है कि शहर की किसी भी एटीएम में गार्ड नहीं है.इस कारण साइबर अपराध ज्यादा हो रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ग्राहक जब एटीएम में कार्ड डालेगा तो वह क्लोन हो जायेगा और अपराधी तक सारी जानकारी पहुंच जाएगी. उन जानकारियों की बदौलत रुपये की निकासी कर लेते हैं. अगर गार्ड रहे तो अपराध में कमी हो सकती है. चूंकि अपराधी सारी गतिविधियों पर नजर रखते हैं और ग्राहक के जाने के बाद रुपये की निकासी कर लेते हैं. पुलिस ने उन एटीएम को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बंद कर दिया गया है. बताया जाता है कि रात में अधिकतर एटीएम बंद रहती हैं. जब अपराधी पकड़ में आता है तो शिकायतकर्ता समझौता कर लेता है.