जमशेदपुर, 13 फरवरी (रिपोर्टर): स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक नई पहल की है. उन्होंने चार अलग-अलग कमेटी का गठन किया है जो अस्पताल की मूलभूत सुविधाओं, संसाधनों समेत अन्य सुविधाओं को ठीक कराने का काम करेगी. उपायुक्त के नेतृत्व में कमेटी काम करेगी.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एमजीएम की व्यवस्था को सुधारने के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों की 4 प्रकार की टीम तैयार की है. टीम मानव संसाधन, कार्यबल, आधारभूत संरचनाओं, अस्पताल की साफ सफाई, किस तरह के रोगियों का अधिक लोड है इसकी समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेगी. टीम में उपायुक्त के साथ सरकारी चिकित्सक, सेवानिवृत्त सिविल सर्जन, जुस्को के जीएम समेत अस्पताल प्रबंधन को शामिल किया है. रिपोर्ट तैयार कर सुधार के लिए प्रस्ताव भेजेगी.
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टीम को ए, बी, सी व डी में बांटा है
टीम ए: टीम स्वीकृत मानव संसाधन व कार्यरत बल की समीक्षा कर समुचित मानव संसाधन की उपलब्धता पर अपना मंतव्य देगी. समिति में एनएचएम के मानव संसाधन और वित्त कोषांग के प्रतिनिधि रहेंगे.
टीम बी: यह समिति आवश्यक आधारभूत संरचना व आवश्यक मरम्मती का समीक्षा कर मंतव्य देगी. इस टीम में एनएचएम के आधारभूत संरचना एवं वित्त कोषांग के प्रतिनिधि रहेंगे.
टीम सी: यह समिति अस्पताल की स्वच्छता व साफ सफाई की समीक्षा कर मंतव्य देगी. टीम में एनएचएम के क्वालिटी एश्योरेंस सेल के प्रतिनिधि रहेंगे.
टीम डी: यह समिति गत 2 वर्षों का रोगियों के भार डिजीजेज बर्डेन लोड का अध्ययन कर अपना मंतव्य देगी, इसमें एनएचएम के आईडीएसपी सेल के प्रतिनिध शामिल होंगे.
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उपायुक्त के नेतृत्व में 11 सदस्यों की समिति करेगी काम
एमजीएम अस्पताल के सुधार के लिए जिला स्तर पर उपायुक्त पूर्वी ङ्क्षसहभूम के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो चारों समिति को सहयोग करेगी परामर्श देगी. समिति में उपायुक्त, सरकारी चिकित्सक डा. ए के लाल, डा. साहिर पॉल, डा. जी सी मांझी, डा. वीणा सिंह, सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डा. श्याम झा, सदस्य डा. सौरभ चौधरी, जुस्का के जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा, भवन निर्माण विभा गके कार्यपालक अभियंता, अस्पताल प्रबंधक निशांत कुणाल, सदर अस्पताल के क्वालिटी मैनेजर प्रेमा मरांडी को शामिल किया गया है.
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लंबित सारी निवेदिता स्थगित
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने लंबित पड़ी सारी निवेदिता को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया. उन्होंने अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है. स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल के मनोनीत अध्यक्ष डा. त्रिभुवन प्रसाद वर्णवाल की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है.साथ ही गैर सरकारी सदस्यों की सदस्यता भी समाप्त करने का निर्देश दिया है.इसके साथ ही नए अध्यक्ष के चुनावी संबंधित प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिए.