जमशेदपुर, 17 अक्टूबर(रिपोर्टर): बदले माहौल मे ंटाटा स्टील ने भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त किया है। कंपनी में ऐसी व्यवस्था की गयी है जिससे कोई भी अनधिकृत रुप से कंपनी परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता. यदि कोई दीवार फांदकर चोरी का प्रयास करता है तो इसकी तुरंत सूचना मिल जाती है। इसका असर हुआ है कि चोरी की घटनाओं में काफी कमी आई है। साल 2015 में कंपनी वर्क्स में जहां 373 लोग चोरी के मामले में पकड़े गये वह साल 2018 में घटकर 80 रह गयी है। टाटा स्टील पूर्वी क्षेत्र का एक प्रमुख औद्योगिक प्लांट है। इंटेलिजेंस इनपुट के बाद यहां सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गयी है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार टाटा कंपनी प्लांट पर आतंकियों की भी नजर हो सकती है। .
उत्पादन क्षमता बढने के कारण नई नई चुनौंतियां कंपनी के सामने आ रही हैँ। अभी 11 मिलिटन टन उत्पादन के लिये करीब 35 मिलिटन टन कच्चे माल की जरुरत होती है। इतने लाजिस्टिक की ढुलाई के लिये कड़े इंतजाम की जरुरत है। अब रोजाना कंपनी परिसर में 3000 से अधिक भारी वाहन आते हैं। रोजाना करीब 400 विजिटर आते हैं। कौन किस रुप में आता है यह समझ पाना मुश्किल होता है।इसी कारण सभी की जांच की जाती है।
टाटा स्टील में स्थायी व अस्थायी जो भी कर्मचारी हो उनकी स्क्रीनिंग की जा रही. उनके सामान की भी स्क्रीनिंग होती है. कंपनी में प्रवेश करने के लिए आरएफआईडी को भी स्क्रीन किया जा रहा है. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. यदि कोई कर्मचारी वाहन लेकर आता है तो उनकी भी स्क्रीनिंग होती है. जमशेदपुर में आईएसआईएस से जुड़े आतंकी कलीमुद्दीन व कटकी जैसे आतंकी पकड़े गए हैं उसके बाद टाटा स्टील की विजिलेंस व इंटेलीजेंस सतर्क हो गया है। एडवांस टेक्नोलॉजी के कारण साइबर क्राइम भी बढ़ रहे हैं.हमारे लिये इनसे निपटना बड़ी चुनौती है। टाटा स्टील वक्र्स 24 वर्ग किलोमीटर में है जबकि बाउंड्री 17 वर्ग किलोमीटर में है. टाटा स्टील की बाउंड्री की ऊंचाई करीब साढ़े छ: फीट है उसके ऊपर तार की जाली लगायी गई है. कोई भी अगर बाउंड्री पर कोई भी चढ़ता है तो उसकी जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी. कंट्रोल रूम में इसके लिए 24 घंटे काम होता है.