आन लाइन काव्य कलश – सह – कबीर जयंती कार्यक्रम

जमशेदपुर 7 जून संवाददाता
साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा होने वाले मासिक कार्यक्रमों का जो सिलसिला लॉकडाउन के कारण मार्च महिने से बंद था, आज ऑनलाइन विडियो काव्य कलश सह संत कबीरदास जयंती के रुप में मनायी गई ।कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के मानद महासचिव डॉ. नर्मदेश्वर पाण्डेय एवं संचालन साहित्य समिति के सचिव डॉ. अजय ओझा ने किया ।कार्यक्रम के आरम्भ में संत कबीरदास के चित्र पर पुष्पांजलि के उपरान्त साहित्य समिति के कार्यकारी अध्यक्ष यमुना तिवारी ‘व्यथित’ ने स्वागत वक्तव्य दिया ।
तदनुपरान्त श्रीमती माधवी उपाध्याय के इस सरस्वती वंदना के सस्वर पाठ से ‘काव्य कलश’ आरम्भ हुई –“वागेश्वरी ! माँ सरस्वती
हम करते तेरी आरती ।”
इसके बाद उपस्थित सभी रचनाकारों ने विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई अपनी स्वरचित रचनाएँ पढीं जिसे पसंद की गई ।
* ” कौन है अपना कौन
पराया
अब तक भी मैं जान न पाया,
पल – पल ठगा गया अपनों से
बडी विचित्र अपनों की माया ।”
— यमुना तिवारी ‘व्यथित’

* “जीवन के मरुस्थल पर कोई
जब प्यार सुृधा बरसायेगा
तब याद तुम्हारी आयेगी
मन मन्द – मन्द मुसकायेगा ।
— वीणा पाण्डेय ‘भारती’

* ” जी करता कुछ ऐसा लिख दूँ
अन्तर की उन्मादें लिख दूँ
भावों की स्याही से उन पर
मधुर – मधुर कुछ यादें लिख दूँ ।”
— माधवी उपाध्याय

* “अब अंधेरो को सह चुकी आँखो में
आस की किरण से इसे सहलाओ मत
स्नेह सब चुक चुके हैं इस माटी के
इसमें अब कोई पौध उगाओ मत ।”
—- ममता सिंह

* “तूं ठहर – ठहर ओ चीन,
सम्भल जा आज अरे!
तूं देता है गीदड धमकी,
हम सुनते कब ऐसी भभकी ।
हम ईट से ईट बजा देंगे,
माता पर शीश चढा देंगे ।
—- डॉ. नर्मदेश्वर पाण्डेय

अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान डॉ. पाण्डेय ने उपस्थित रचनाकारों को उनकी सक्रीयता के लिये भूरि भूरि प्रशंसा की । श्रीमती वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।

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