नई दिल्ली/कोलकाता ,9 नवंबर (ईएमएस):शक्तिशाली तूफान ‘बुलबुल’ के कारण कोलकाता एयरपोर्ट के संचालन पर रोक लगाई गई है। यह रोक आज शाम 6 बजे से कल सुबह (शनिवार) 6 बजे तक जारी रहेगी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने यह बात कही है। बता दें कि चक्रवात ‘बुलबुल’ के रविवार तड़के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच तटों से टकराने का अनुमान है, जिसके चलते तटीय इलाकों में भारी बारिश और 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जी के दास ने कहा कि तूफान से राज्य के कच्चे घरों, बिजली तथा संचार सेवाओं और सड़कों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने संवेदनशील इलाकों में लोगों को घरों में रहने की सलाह देते हुए आगाह किया इससे पेड़ उखडऩे, फसलें बर्बाद होने और तटबंधों के नष्ट होने की आशंका है।
दास के अनुसार कोलकाता में नौ और दस नवंबर के बीच भारी बारिश और 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का भी अनुमान है। अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को कोलकाता से 600 किलोमीटर दूर बना गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ शनिवार को और तेज होते हुए उत्तर की ओर बढ़ेगा। दास ने कहा, इसके बाद इसके उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए 10 नवंबर को तड़के पश्चिम बंगाल के सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के खेपूपारा के बीच तटों से टकराने की संभावना है।
प्रभावित होंगी सेवाएं
मौसम विभाग के अनुसार बुलबुल अपने मार्ग में आने वाले तटीय क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल के आस-पास के जिलों में तबाही मचा सकता है। घर, सड़कें, संचार और विद्युत सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है। राज्य सरकार आने वाले खतरे को देखते हुए बचाव कार्य के लिए उचित कदम उठा रही है। मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे ‘बुलबुल’ गंगासागर के 190 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित था। धीरे-धीरे कमजोर हो रहा यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल के गंगासागर समूह और बांग्लादेश के खेपूपारा के तट को पार कर सकता है।
मौसम विभाग ने कदम उठाने के लिए रेड वॉङ्क्षर्नग जारी की और प्रशासन से यह सुनश्चित करने को कहा कि मछली पकडऩे की गतिविधियां, नौका सेवाओं आदि को पूरी तरह बंद रखा जाए। उसने प्रभावित इलाकों के लोगों से घरों में रहने की अपील भी की है।
भुवनेश्वर में भी स्थिति बिगड़ी
बुलबुल के कारण मध्य ओडिशा के कई हिस्सों में शनिवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, पेड़ उखड़ गए और सड़क संपर्क टूट गया। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है हालांकि जगतङ्क्षसहपुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों में कई स्थानों पर बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए।