जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के आग्रह पर राज्य के मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के सचिव और राजस्व विभाग के सचिव एक उच्च स्तरीय बैठक शाम साढे पाँच बजे बुलाया था। करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में 1. मोहरदा पेयजल आपूर्ति योजना 2. मालिकाना हक 3. नागरिक सुविधाएं 4. टाटा सबलीज 5. केबल कंपनी तथा जमशेदपुर में नगर निगम बने या औद्योगिक शहर बने इन मुद्दों पर गहराई से विचार हुआ। मोहरदा पेयजल आपूर्ति के बारे में मुख्य सचिव ने नगर विकास सचिव को निर्देश दिया कि जुस्को के साथ बात करे और समस्त उलझनों को दूर करें। केबल कंपनी के बारे में मुख्य सचिव ने राजस्व सचिव को निर्देश दिया कि वे इस पर जमशेदपुर के उपायुक्त से विस्तृत रिर्पोट मांगे ताकि केबुल टाउन में रहने वाले के बकाया भुगतान से लेकर केबुल कंपनी की जमीन के मुद्दा का निपटारा किया जा सके। टाटा लीज के तहत नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में विकास आयुक्त अथवा पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक प्राधिकार बनाया जाय, जो इस बारे में शिकायत निवारण एजेंसी का काम करें। मालिकाना हक के विषय में लीज दिये जाने के निर्णय के प्रभावी नहीं हो पाने के कारणों पर बैठक में चर्चा हुई। विधायक श्री सरयू राय ने सुझाव दिया कि जिस जमीन पर अबतक लोग कब्जा करके बसे है, उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बांटकर लोगों से वाजिब शुल्क ले लिया जाय और निवासियों को मालिकाना हक दे दिया जाय। मुख्य सचिव ने राजस्व सचिव को निर्देश दिया कि मालिकाना समस्या का हल निकालने के लिए वे एक प्रस्ताव करे जिस पर माननीय मुख्यमंत्री से चर्चा के उपरांत आवश्यक कदम उठाया जाय। इसके अलावा जमशेदपुर में नगर निगम बनाम औद्योगिक शहर के विवाद को सुलझाने के लिए अबतक उठाये गये कदमों का विश्लेषण कर नगर विकास सचिव एक प्रतिवेदन तैयार करे। जिसके आधार पर जनता के मूलभूत अधिकारों का संरक्षण करते हुए सरकार शीघ्र आवश्यक कदम उठायेगी। विधायक श्री सरयू राय ने उम्मीद जतायी कि इन मुद्दों सरकार गंभीर कदम उठायेगी। बैठक में विधायक सरयू राय, मुख्य सचिव, सुखदेव सिंह, नगर विकास सचिव, विनय कुमार चैबे और राजस्व विभाग के सचिव, के.के. सोन उपस्थित थे।