जमशेदपुर 22 फरवरी संवाददाता :- टाटा स्टील प्लांट परिसर में ठेकाकर्मी लक्ष्मी सोरेन की हत्या के मामले में झामुमो विधायक रामदास सोरेन जिस तरह 25 लाख मुआवजा एवं स्थाई नौकरी के लिये कंपनी प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं, उससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या विधायक और जिलाध्यक्ष महावीर मुर्मु और झामुमो के कतिपय लोग कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाली नीति से काम तो नही ंकर रहे। पुलिस ने इस मामले के आरोपी कथित प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस की कार्रवाई भी इस मामले में त्वरित ही कही जाएगी। उप राष्ट्रपति के दौरे के कारण गिरफ्तारी में जरुर विलंब हुआ लेकिन पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया। घटना कंपनी परिसर के जिस स्थल पर हुई है वह अबंडेंड है। वह प्रतिबंधित क्षेत्र था। वहां कोई काम नहीं होता था। पुलिस को जांच में पता चला है कि दोनो के बीच पहले से जुड़ाव था। जांच में यह भी बात सामने आई है कि कथित प्रेमी ने युवती को दो महंगे मोबाइल फोन दिये थे। यही कारण है कि सवाल उठ रहा है कि दोनो उस प्रतिबंधित क्षेत्र में क्यों और कैसे गये। इस मामले मेंकंपनी को लपेटा जाना कितना उचित है इसपर भी इसी कारण सवाल उठ रहे हैँ।
यह मामला कंपनी के कार्य के बजाय निजी प्रेम संबंध की दुखद परिणति है। यह माना जा रहा है कि जिस तरह के संबंध दोनो में थे, उसी कारण दोनो सुनसान घटनास्थल तक पहुंच गये थे। यदि आरोपी ने उसे ले जाने में जबर्दस्ती की होती तो फिर कंपनी परिसर में यह बात छिप नहीं सकती थी। हर ओर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वैसे भी ऐसे कर्मचारियों को कंपनी परिसर में सोयायटी द्वारा बस से ले जाया जाता है। कंपनी परिसर 22 किलोमीटर की परिधि में फैला है।
15 फरवरी की घटना हैऔर 19 को युवती की मौत हो गयी थी। उसके बाद से मुआवजा एवं नौकरी की मांग को लेकर शव को नहीं उठाया गया है। वह अभी भी टीएमएच के शीतताप गृह में है। विधायक की ओर से जैसी मांगें रखी गयी है यह कंपनी पर दवाब अधिकऔर मामले का समाधान निकाला जाना कम प्रतीत होता है। कंपनी कीओर से कहा जा रहा है कि मुआवजे का जो प्रावधान है,उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। सोसायटी की भीयह पक्ष स्पष्ट है कि यह मौत कार्यस्थल पर उसके क्रियाकलापों से दूर दूर तक नहीं जुड़ा है, फिर उसे निशाना क्यों बनाया जा रहा है। अगर उसे कुछ कहना है तो वह कोर्ट में ही कहेगी।