जमशेदपुर, 21 नवंबर (रिपोर्टर): पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सचिव अमित खरे ने मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को काउंसलिंग से हटाए जाने के मामले का एक सप्ताह में निपटान का भरोसा दिया था लेकिन आश्चर्य है कि कल जब सर्वोच्च न्यायालय ने इस विवाद पर सुनवाई हो रही थी तब भारत सरकार के सहायक सोल्यूसिटर जेनरल संजय जैन ने कॉलेज में नामांकन की अनुमति देने का विरोध किया. जब शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव ने गलतफहमी की वजह को दूर करने का आश्वासन दे दिया था तो फिर अदालत ने उसके विरोध का कारण चर्चा में आ गया. ज्ञात हो कि इस कॉलेज के साथ नागपुर के दत्ता मेघे को भी काउंसलिंग से रोका गया था लेकिन आज टाटा मणिपाल के साथ उसको भी स्वमेव अनुमति दे दी गई. राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि दत्ता मेघे भाजपा के नेता का है जिसका नागपुर कनेक्शन है. मणिपाल टाटा से पापड़ बेलवाने और दत्ता मेघे को आसानी से बहाल करने की बात कल से चर्चा में है.
ज्ञात हो कि गत 20 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपाल-टाटा मेडिकल कॉलेज, बारीडीह, जमशेदपुर को प्रथम वर्ष में नामांकन की अनुमति दे दी. कोर्ट ने कहा कि सेकेंड राउंड के लिए सीट मैट्रिक्स सिस्टम में इस कॉलेज को शामिल किया जाना चाहिए और नीट सफल परीक्षार्थियों को यहां सीट मिलना चाहिए.
भारत सरकार के सहायक सोलिसिटर जनरल संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि इंस्टीट्यूशन्स ऑफ इमिनेंस डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटीज को ऑफ कैंपस सेंटर खोलने की अनुमति के लिए भारत सरकार को यूजीसी से प्रस्ताव प्राप्त करना है जो फिलहाल विचाराधीन है. सहायक सोलिसिटर जनरल ने बताया कि फिलहाल इंस्टीट्यूशन ऑफ इमिनेंस को ऑफ कैंपस सेंटर खोलने की अनुमति नहीं है.
सर्वोच्च न्यायालय ने कॉलेज प्रबंधन के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी का भी पक्ष सुना और अंतत: टिप्पणी दी कि इस संबंध में पैदा हुए विवाद पर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गयी है जिस पर अभी सुनवाई बाकी है, अतएव वह इसके गुण-दोष पर अपना विचार नहीं देते हुए सिर्फ इतना कह रहे हैं कि एमबीबीएस डिग्री में नामांकन के लिए चल रहे दूसरे राउंड की काउंसिलिंग में इस कॉलेज को शामिल किया जाए और छात्रों को यहां सीटें उपलब्ध करायी जाएं, जबकि उक्त विवाद पर रिट याचिका में उच्च न्यायालय फैसला करे. कॉलेज प्रबंधन काउंसिलिंग के समय छात्रों को रिट याचिका में फैसले की शर्त पर नामांकन की जानकारी दे दे. विदित हो कि उच्च न्यायालय रांची ने सभी सरकारी पक्षों के अपने-अपने शपथ पत्र दायर करने का निर्देश देते हुए 24 नवंबर को सुनवाई की तिथि तय की है.
इस कॉलेज में 150 सीटों पर इस साल से नामांकन होना है जिनमें 25 सीटें खासतौर से झारखंड के छात्रों के लिए रखी गयी हैं. गत 6 नवंबर को पहले राउंड में किसी छात्र को कोई सीट नहीं मिली. अब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद चालू सेकेंड राउंड तथा 26 दिसंबर तक चलने वाले फाइनल राउंड में बच्चे नीट प्राप्तांक के मेरिट पर नामांकन ले सकेंगे. देश में निजी क्षेत्रों में स्थापित मेडिकल कॉलेजों में यह साधन-सुविधाओं, परिवेश, फीस आदि के आधार पर एक बेहतरीन कॉलेज साबित होगा.