जमशेदपुर, 15 जून संवाददाता कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां एक ओर कई पीड़ादायक खबरें झकझोर देती हैं, वहीं मानवता की मिसाल पेश करने वाली खबरें भी आ रही हैं । पश्चिम बंगाल के पुरुलिया का एक व्यक्ति अपनी गंभीर रुप से बीमार पत्नी को भाड़े की सायकिल पर लेकर करीब सौ किलोमीटर दूर जमशेदपुर इलाज कराने आया. तो गंगामेमोरियल अस्पताल के संचालक डा नागेंद्र सिंह ने न केवल उसकी जान बचाई बल्कि इलाज का एक पैसा भी नहीं लिया। जब उनको पता चला कि वह व्यक्ति भाड़े की सायकिल लेकर आया है तो उन्होंने सायकिल का भाड़ा तो दिया ही, अपने अस्पताल के एम्बुलेंस से उसे उसके घर तक पहुंचवा भी दिया।
हरी की पत्नी वंदनी (29 वर्ष) गंभीर रुप से बीमार थी। ला1क डाउन के कारण आवागमन का कोई साधन नहीं होने के कारण गरीब परिवार के सामने संकट आ गया। हरी ने 50 रुपये हर दिन के किराये पर एक सायकिल भाड़े पर ली। वह पहले एमजीएम अस्पताल पहुंचा। लेकिन उसकी पत्नी की गंभीर हालत को देखकर उसे बेहतर इलाज की सलाह दी गयी। फिर वह गंगा मेमोरियल अस्पताल पहुंचा और डा सिंह कोअपनी सारी व्यथा सुनाई। डा सिंह ने कहा कि उसकी पत्नी की हालत देखकर वे भी चिंता में पड़ गये। उसका आपरेशन जरुरी था। उन्हें लगा कि परिवार के पास खाने के पैसा नहीं, भाड़ा नहीं, इसका नि:शुल्क इलाज होना चाहिये। महिला का एपेंडिक्स काआपरेशन जरुरी था। वह थर्ड स्टेज में चला जाता तो खतरा और बढजाता। उन्होंने महिला का आपरेशन किया जो सफल रहा। फिर उनको सायकिल का भाड़ा भी दिया और एम्बुलेंस सेघर भेजा। हरी ने कहा कि वह जब आया तो उनकी पत्नी की हालत बहुत खराब थी। उसकी अपनी सायकिल नही ंथी तोउसने भाड़े पर ली। डाक्टर साहब ने न केवल पत्नी कीजान बताई बल्कि एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ। डा सिंह इस तरह मानवता की सेवा लगातार करते रहते हैं। यही कारण है कि गरीब लोग उम्मीद के साथ उनके पास आते रहते हैं और वे निराश नहीं होते।