जमशेदपुर, 28 मई (रिपोर्टर) : जमशेदपुर महानगर भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी कौन संभालेगा इसे लेकर भाजपाई सोशल मीडिया में सिंग भिड़ाये हुए हैं. अपने-अपने पक्ष के उम्मीदवार के लिये जहां लामबंदी है, वहीं वर्तमान महानगर अध्यक्ष भी कई भाजपाइयों को निशाने पर दिखते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी समय महानगर अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है. दिनेश कुमार ने एकबार फिर अपना दावा पेश किया है. कई अन्य दावेदार भी मैदान में नजर आते हैं. पिछले कुछ दिनों से इन सारे घटनाक्रमों के बीच सोशल मीडिया में घमासान मचा हुआ है.
बताया जाता है कि इस मुद्दे पर रांची में कई दौर की रायशुमारी हो चुकी है, जिसमें कई दिग्गज नेता अपना ‘शक्ति प्रदर्शन’ कर चुके हैं. इनदिनों सबसे अधिक पसीना प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के छूट रहे हैं. क्योंकि पार्टी में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं अपने सरल स्वभाव के लिये जानेवाले बाबूलाल मरांडी के बीच आपसी तालमेल बनाने को लेकर है. जबतक श्री मुंडा ‛पूर्व’ थे, तबतक उनके समर्थकों के साथ जो रवैया अपनाया जाता था, वह जगजाहिर है. अब जबकि वे स्वयं को केन्द्र में स्थापित कर चुके हैं, उस स्थिति में उनकी अनदेखी नहीं जा सकती. दूसरी ओर बाबूलाल मरांडी को पार्टी के हाईकमान ने काफी आदर से पार्टी में शामिल किया, वहीं रघुवर दास अब ‛पूर्व’ बन चुके हैं. ऐसी स्थिति में सभी को साथ लेकर चलने का ट्रायल तो कई बार हो चुका है, लेकिन प्रदेश अबतक इस मामले में कोई नतीजा पर नहीं पहुंच सका है.
चार लोग नहीं है साथ, दे रहे इस्तीफा की धमकी
मिली जानकारी के मुताबिक जमशेदपुर पूर्वी विस के कई मंडल अध्यक्ष पूर्व सीएम रघुवर दास से मिलकर वर्तमान महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार को ही रहने देने पर जोर दिया. जबसे यह बात लीक हुई, तबसे विरोधी भी मुखर हो गये हैं. साकची मंडल के ही युवा नेता मोंटी अग्रवाल ने अपने फेसबुक एकाउंट में सीधे तौर पर मंडल अध्यक्ष ध्रुव मिश्रा पर प्रहार करते हुए कहा कि जिसे भी इस्तीफा देना है, वो जल्दी करें. साथ ही लिखा है कि चार-पांच समर्थक लेकर बाहरी लोगों को साथ लेकर राजनीति करनेवाले भी इस्तीफा की धमकी दे रहे हैं.
वहीं भाजपाई हरेराम सिंह ने लिखा है कि इस्तीफी…इस्तीफा चिल्लाना सिर्फ ढकोसला है. देखा जाए कि घोषणा के बाद कितने लोग अपने बातों पर कायम रहते हैं या फिर टांय-टांय फिस्स साबित न हो जाए. वहीं छियासी बस्ती के नाम से फेसबुक एकाउंट से सिद्धार्थ पांडेय की एक पुरानी पोस्ट को शेयर किया है, जिसमें सिद्धार्थ ने 25 फरवरी को दिनेश कुमार के विरोध में लिखा था. उन्होंने उस वक्त बिहारवासियों से दिनेश के विरोध में आवाज उठाई थी.