सरयू राय ने लिखा सीएम को पत्र
जमशेदपुर : विधायक सरयू राय ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर उनके विरुद्ध भाजपा खासकर पार्टी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी द्वारा कल लगाये गये गंभीर आरोपों को जांच कराने का अनुरोध किया. कुणाल षाड़ंगी ने डाटा कॉलिंग के लिये बाबा कंप्यूटर्स को ऊंची दर पर नियुक्त करने और एक अवकाशप्राप्त मार्केटिंग ऑफिसर (एमओ) सुनील शंकर को बिना प्रक्रिया का पालन किये पुन: सेवा विस्तार देने संबंधी आरोप सरयू राय पर लगाया जब वे रघुवर सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे.
श्री राय ने अपने पत्र में लिखा है कि बाबा कम्प्यूटर्स ने खुद ही जवाब दे दिया है कि खाद्य आपूर्ति विभाग में उनकी नियुक्ति निविदा के आधार पर हुई थी. इसके पूर्व वे झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग, आईटी विभाग एवं कतिपय अन्य विभागों में भी निविदा के आधार पर यह काम किया था। इन सभी विभागों में उनका कार्य दर करीब करीब समान था. उस वक्त नगर विकास विभाग के मंत्री श्री सी. पी. सिंह थे. आईटी विभाग तो खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने पास रखा था. श्री राय ने कहा कि मुझपर आरोप लगाते समय रघुवर वादियों ने प्रेस को यह बताना उचित नहीं समझा.
दूसरे आरोप पर विधायक ने लिखा है कि मार्केटिंग अफसर सुनील शंकर आज भी धनबाद में काम कर रहे हैं. वे अन्य 15 लोगों के साथ निविदा आधारित उन्हीं शर्तों पर पुनर्नियुक्त किये गये हैं. मेरे मंत्री नहीं रहने के बाद भी वर्तमान सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति हुई है. मेरे कार्यकाल में ही तय हुआ था कि खाद्य आपूर्ति विभाग में कार्यबल की कमी के मद्देनजर जो सेवानिवृत्त हुये हैं, उनसे उनकी इच्छा जान कर विभाग में काम करने का अवसर दिया जाय.
सुनील शंकर को मैं तबसे जानता हूँ जब वे पटना में विद्यार्थी थे. उनका परिवार कदम कुआँ में रहता था. बाद में उनका विवाह भी मेरे एक मित्र परिवार में हुआ. अवकाश ग्रहण के उपरांत उन्होंने इच्छा जाहिर की कि विभागीय घोषणा के अनुरूप निर्धारित शर्तों पर वे अवकाश प्राप्त करने के बाद विभाग को सेवा देना चाहते हैं. वे योग्य थे, उनपर आरोप नहीं थे. मुझे एवं विभागीय सचिव को उन्होंने आवेदन दिया. विभाग ने उन्हें नियुक्त किया. इस बीच कई अन्य लोगों ने भी विभाग में सेवा देने की इच्छा जाहिर की. विभागीय प्रक्रिया के अनुसार सुनील शंकर सहित अन्य करीब डेढ़ दर्जन लोग नियुक्त किये गये. वे अभी भी कार्यरत हैं.