रांची हमारे प्रतिनिधि 16 जनवरी
बाबू लाल मरांडीकी भाजपा मेंवापसी वाला प्रकरण श्री मरांडी के रांची वापस लौैटते ही जोर शोर से पेंगे मारने लगा है। अटकलों और कयासों पर सूत्रों के अनुसार बाबूलाल मरांडी का भाजपा में आना पूरी तरह तय हो चुका है। इसके लिये प्रारूप भी मोटामोटी तय हो चुका है। बाबूलाल मरांडी के भाजपा मेंआने के बाद उनके दो वर्तमान विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में जायेंगे। बाबूलाल मरांडी राजधनवार से इस्तीफा देकर दुमका में होने वाले उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनेंगे। जहां हेमंत सोरेन अपनी सीट छोड़ रहे हैं। इसके पहले सूत्रों के अनुसार बाबूलाल मरांडी 20 जनवरी को झाविमो की नई कार्यसमिति की घोषणा कर सकते हैं और भाजपा में विलय का निर्णय भी उसी दिन या अगले दिन करने की संभावना है। संभव है कि वे नई कार्यसमिति का गठन करने के उपरांत विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के भाजपा में शामिलनहीं होने संभावित स्टैंड पर उन्हें पार्टी से निष्कासित भी कर सकते हैं। यह मिला जुला खेल दिखाई दे सकता है क्योंकि
प्रदीप यादव और बंधु तिर्की जब निष्कासित होकर कांग्रेस में जाएंगे और उनकी सदस्यता पर सवाल उठेगा तो विधान सभा कार्रवाई में अमर बाउरी एवं अन्य विधायकों की तरह उनका भी मामला पांच साल तक टलता रहेगा। इसी बीच यह भी अटकल है कि प्रदीप यादव को कांग्रेस कोटा से मंत्री पद भी दिया जा सकता है। प्रदीप यादव के भाजपा मेंआने की संभावना इसी लिये क्षीण हो गयी है कि उनके विधान सभा क्षेत्र पोड़ैयाहाट में मुस्लिम और यादव वोटर बहुसंख्य हैं। फिर वहां गोड्डा संसदीय क्षेत्र में उनकी टकराहट सांसद निशीकांत दुबे से होने लगेगी।
बाबूलाल मरांडी के राजधनवार सीट छोडऩे के बाद वहां से रवींद्र राय भाजपा के नये उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं। बाबूलाल और रवींद्र राय की जोड़़ी उस जमाने में काफी चर्चित रही। रवींद्र राय को कोडरमा संसदीय सीट का उम्मीवार नही ंबनाकर वहां से राजद प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को भाजपा ने उम्मीदवार बना दिया था। विधान सभा चुनाव में भी श्री राय को टिकट नही ंदिया गया। तत्कालीन भाजपा प्रदेश नेतृत्व और सरकार ने उन्हें पूरी तरह हासिये पर लाने की हर कोशिश की। लेकिनअब चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को भूलसुधार की जल्दबाजी दिखाई दे रही है। वैसे रवींद्र राय को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोक सभा चुनाव के बाद समुचित भरपाई का आश्वासन दे रखा है और रवींद्र राय ने भी इस बीच अपना संयम नहीं खोया।
झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी रांची में अपने समर्थकों और नजदीकी कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। गुरुवार को रांची पहुंचने के बाद अपने कार्यालय में उन्होंने समर्थकों और नजदीकी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
ऐसा माना जा रहा है कि झाविमो 19 दिन पुरानी हेमंत सरकार से अपना समर्थन वापस लेगा। जिसका हेमंत सरकार की सेहत पर फर्क नहीं पड़ेेगा। झाविमो के तीन विधायक बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का समर्थन हेमंत सरकार को हासिल हुआ था।
क्या बोले बाबूलाल
इधर भारतीय जनता पार्टी में जाने की अटकलों के बीच श्री मरांडी का ताजा बयान आया है। भाजपा में जाने को लेकर बाबूलाल अभी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को रांची में कहा कि इस विषय पर मैं अभी कोई टिप्पणी नहीं करुंगा। झाविमो के दो विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के रूख पर बाबूलाल ने कहा कि उनसे बातचीत कर आगे कोई निर्णय लेंगे। भाजपा में झाविमो के विलय के सवाल पर बाबूलाल ने कहा कि भाजपा चाहती है। अन्य दल भी चाहते हैं। यह सनसनी का विषय नहीं, जब बातें पक्की हो जाएगी तो निश्चित तौर पर सबको सूचित कर देंगे।