रामगोपाल जेना
यज्ञ और योग की महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है।रामायण काल में पुत्रेष्टि यज्ञ श्रृंगी ऋषि के सानिध्य में संपन्न हुआ था और राजा दशरथ को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी।उसी ऋषि कुल के परंपरा में वर्तमान सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्रदेवजी महाराज के उत्तराधिकारी संत प्रवर श्री विज्ञान देवजी महाराज का आगमन चक्रधरपुर में होने जा रहा है।इस कार्यक्रम में समस्त मानवीय गुणों को धारण और समस्त मानसिक दुर्बलताओं पर विजय प्राप्ति के लिए मनोनिग्रह की कला सिखायी जायेगी।कार्यक्रम की शुरुवात दिनांक 25 जनवरी प्रातः 11 बजे से प्रारम्भ होगी।
*कार्यक्रम स्थल* रेलवे हाई स्कूल मैदान,चक्रधरपुर।
*कार्यक्रम संयोजक* इंजीनियर श्री सुजीत कुमार
*विशेष जानकारी हेतु संपर्क सूत्र*
9777582326