नगर परिषद की बैठक में 35 योजनाओं की स्वीकृति

रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर

शनिवार को नगर परिषद चक्रधरपुर बोर्ड की बैठक अध्यक्ष केडी साह की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से शहर के विकास को लेकर 35 योजनाओं की स्वीकृति दी गई। तत्पश्चात बोर्ड की बैठक में यह निर्णय हुआ कि मानदेय में कार्यरत कर्मी अनुपमा जयसवाल और सेराज खान नियमित काम नहीं कर रहे हैं। जिसको लेकर उन्हें हटाया जाए। बैठ कर ही मानदेय लिए जा रहा है। इसका दुष्प्रभाव अन्य कर्मियों पर भी पड़ रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए उन्हें हटाने का निर्णय लिया। हालांकि कार्यपालक पदाधिकारी अभय कुमार झा ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिए। बैठक में रानी तालाब और राजमहल में स्थित रानी तालाब को भी सौंदर्यकरण को लेकर बैठक में निर्णय लिया गया। वहीं बड़ी योजनाओं के लिए डीएमएफटी फंड से कराने पर उपायुक्त से अनुरोध करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि लगभग 32 महीनों से जनप्रतिनिधियों का मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। सभी की मांगों को देखते हुए सभी जनप्रतिनिधियों का फिलहाल सिर्फ एक महीने का ही मानदेय भुगतान किया जाएगा। बैठक में शहर की साफ-सफाई और लाइट व्यवस्था को लेकर भी चर्चा किया गया।
इन योजनाओं का स्वीकृति

वार्ड संख्या 20 बिग चिल्ली से धातकीडीह तक डीएमएफटी फंड से पीसीसी सड़क, वार्ड 9 में चांदमारी से टेबल लाइन तक डीएमएफटी फंड से 2000 फीट पीसीसी पथ, व्हाट्सएप में भारत भवन से धातकीडीह तक 4200 फीट डीएमएफटी फंड से पीसीसी सड़क, वार्ड 3 में टोकलो रोड से कैनाल रोड तक डीएमएफटी फंड से 1100 पीसीसी पथ, वार्ड 8 में रानी सती मंदिर से टोकलो रोड तक डीएमएफटी फंड से 2000 फीट पीसीसी पथ, कार्मेल स्कूल से पंप हाउस तक डीएम एक्टिव फंड से 5300 फीट पीसीसी सड़क समेत 35 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है।

बोर्ड की बैठक में नहीं बुलाने से पार्षद दिनेश जेना ने किया डीसी से शिकायत

वार्ड पार्षद दिनेश जेना बोर्ड की बैठक में आमंत्रण नहीं करने पर उपायुक्त से लिखित शिकायत किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 11 जनवरी 2020 को हुई नगर परिषद बोर्ड की बैठक में 28 सितंबर 2019 के बोर्ड बैठक की कार्यवाही की मांग करने पर नगर परिषद के अध्यक्ष एवं कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा वार्ड पार्षद दिनेश जेना तथा वार्ड पार्षद सरोज कसेरा को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि 40 दिन बीतने के बाद भी नगर परिषद की ओर से निलंबित करने का कोई पत्र उन्हें जारी नहीं किया गया है। इसके बावजूद 22 फरवरी की बैठक में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। श्री जेना जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए इसकी शिकायत उपायुक्त से किया है। उन्होंने कहा है कि चक्रधरपुर नगर परिषद में भ्रष्टाचार और मनमानी चरम सीमा पर चल रहा है। इस बात पर उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि पत्र आधार पर नगर परिषद को लिखित कार्रवाई किया जाएगा।

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