जमशेदपुर, 21 जुलाई (रिपोर्टर) : टाटा कमिन्स कर्मचारी यूनियन के पूर्व महासचिव अरुण कुमार को प्रबंधन द्वारा भेजा गया बर्खास्तगी पत्र मंगलवार को मिल गया। प्रबंधन ने गुरुवार को यूनियन प्रतिनिधियों को बुलाकर अरुण सिंह को नौकरी से बर्खास्त किये जाने की जानकारी दिया था और बताया था कि इसकी चिठी डाक के जरिये भेज दिया गया है। बर्खास्तगी का पत्र मिलने के बाद यूनियन प्रतिनिधि बुधवार को रांची जायेंगे। वहां यूनियन अध्यक्ष कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) से मिलेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।
टाटा कङ्क्षमस कर्मचारी यूनियन के महामंत्री के निष्कासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी
जमशेदपुर, 21 जुलाई (रिपोर्टर) : टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अरुण सिंह के निष्कासन के खिलाफ लगातार शहर के माहौल गर्म होता जा रहा है.सभी सामाजिक संगठन इसके खिलाफ एकत्रित हो रही है. इसी क्रम में झारखण्ड प्रदेश यूथ इंटक के संगठन सचिव राजा ङ्क्षसह राजपूत ने बयान जारी कर कहा है कि प्रबंधन जिस तरह से अपना रुख अपना रही है इससे शहर का औद्योगिक शांति माहौल खराब हो रहा है. शहर में और भी कंपनियां है मगर ऐसे उदाहरण एक दो कंपनियां में ही है.
कमिंस के साथ टाटा मोटर्स बर्खास्तगी मामले की भी जांच हो- हर्षबर्धन
कमिंस प्रबंधन द्वारा बर्खास्तगी के जो कारण दिए जा रहे हैं, उससे साफ हो जाता है, की जानबूझकर मुद्दे को भटकाने की कोशिश किया जा रहा है। यह साधारण अनुशासनात्मक कारवाई का मामला नही है, बल्कि यूनियन को औकात बताने के नियत से किया गया कारवाई है। टाटा मोटर्स के बर्खास्त कर्मचारी नेता हर्षबदर्धन सिंह ने उक्त बयान जारी कर बताया कि जिस प्रकार से एक ही आरोप सिद्ध होने पर किसी पर छोटी तो किसी को बर्खास्त तक किया गया है। इससे ही साफ हो जाता है की यह अनुशासनात्मक कारवाई नही बल्कि नेताओं को घुटने के बल पर लाने के उदेश्य से किया गया कारवाई है। श्रम विभाग से अनुरोध है, की केवल अनुशासनात्मक कारवाई के मद्देनजर इसपर जाँच नही करें, बल्कि कैसे मजदूरों के आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, इसकी जाँच हो। टाटा कमिंस के साथ टाटा मोटर्स के नेताओं को भी इसी कड़ी में बर्खास्त किया गया है। इसकी भी जाँच हो, और राज्य के हर मजदूर को न्याय मिलें।