रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने खूंटी में पत्थलगड़ी मामले में फादर स्टेन स्वामी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. शुक्रवार को स्टेन स्वामी की याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. फादर स्वामी ने इश्तेहार और कुर्की जब्ती की कार्रवाई को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी.
स्वामी की याचिका पर 24 अक्टूबर को जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई. बहस पूरी नहीं हो पाने की वजह से कोर्ट ने 25 अक्टूबर को भी बहस जारी रखने की बात कही. इसी के तहत कोर्ट ने सुनवाई की और वकीलों की दलीलें सुनीं. जस्टिस सेन ने यह नहीं बताया कि वह किस दिन फैसला देंगे.
सुनवाई के दौरान प्रार्थी स्टेन स्वामी के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ इश्तेहार और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. यह गलत है. वहीं, सरकार के वकील ने दावा किया कि आरोपित के खिलाफ की गयी कार्रवाई में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया.
उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर को खूंटी पुलिस ने पत्थलगड़ी मामले में फादर स्टेन स्वामी के घर की कुर्की की थी. खूंटी में लोगों को पत्थलगड़ी के लिए उकसाने के आरोपित स्टेन स्वामी पर पुलिस ने देशद्रोह, सोशल मीडिया के माध्यम से पत्थलगड़ी को बढ़ावा देने, सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने, सरकारी योजनाओं का विरोध करने के आरोप भी लगाये हैं.
तमिलनाडु के मूल निवासी स्टेन स्वामी लगभग 50 साल से झारखंड में आदिवासियों के बीच काम कर रहे हैं. उनके खिलाफ खूंटी थाना में 26 जुलाई, 2018 को आइटी एक्ट में एक केस दर्ज किया गया था. ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में भी उनकी संलिप्तता की बात सामने आयी थी.
इसके बाद स्टेन स्वामी के घर और कार्यालय पर पुणे की पुलिस ने छापेमारी की थी. तलाशी के क्रम में उनका लैपटॉप, 22 सीडी, मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, एक पेन ड्राइव, डायरी, टैब व पत्रिका के अलावा कुछ एक्टिविस्टों के लेटर आदि जब्त किये थे. पुणे पुलिस ने कहा था कि हिंसा भड़काने में शामिल महाराष्ट्र के एक प्रतिबंधित संगठन के साथ स्टेन स्वामी के तार जुड़े हैं.