झारखंड में मिला कोरोना का पहला मरीज

धर्म प्रचार करने मलेशिया से आई महिला में मिला संक्रमण, रांची की मस्जिद में छिपी थी तब्लीगी जमात मरकज से कनेक्सन
रांची जमशेदपरु ,31 मार्च (ईएमएस): अब तक कोरोना वायरस से झारखंड सुरक्षित बताया जा रहा था। लेकिन मंगलवार को यहां भी एक महिला में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस के मरीज की पुष्टि होने के बाद पूरे झारखंड में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर आ गया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने राजधानी रांची के ङ्क्षहदपीढ़ी इलाके में मस्जिद से पकड़ी गई मलेशिया की मुस्लिम महिला में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि की है। बताया गया कि झारखंड की राजधानी रांची के ङ्क्षहदपीढ़ी इलाके में बीते दिन बड़ी मस्जिद से 18 विदेशी मौलवियों को पकड़ा गया था, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित महिला भी शामिल थी। यह महिला तब्लीगी जमात से जुड़ी है। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर यह महिला इस हफ्ते ही यहां लौटी है। कोरोना से संक्रमित मलेशिया की यह महिला मौलवी तब्लीगी जमात मरकज से जुड़ी बताई गई है। इस बीच जमशेदपुर के एमजीएम में एक संदिग्ध की मौतके बाद हड़कंप है। सोनारी निवासी उक्त पुरुष की रिपोर्ट आनी बाकी है। वह जेनरेटर बनाने काकाम करता था। वह पिछले कुछ दिनों से एमजीएम अस्पताल में भर्ती था।
बताया गया कि इस विदेशी महिला को मस्जिद से पकड़े जाने के बाद रांची के खेलगांव में क्वारंटाइन कर रखा गया था। अब लगातार दो बार जांच में कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए जाने के बाद इसे रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। इस महिला की ट्रैवल हिस्ट्री निकाली जा रही है। मलेशिया की यह महिला तब्लीगी जमात की है। इसे बीते दिन बड़ी मस्जिद से 18 विदेशी मौलवियों के साथ पुलिस ने पकड़ा था।
कोरोना के मैप में झारखंड भी हो गया लाल
कोरोना वायरस के मैप में मंगलवार को झारखंड भी लाल हो गया है। झारखंड भी इस वायरस के संक्रमण से अपने को बचा नहीं सका। मंगलवार को राजधानी रांची के ङ्क्षहदपीढ़ी इलाके में पहले पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है। बताया जाता है कि कोरोना पॉजिटिव महिला विदेश में रहती थी और तब्लीगी जमात मरकज से भी जुड़ी थी।
झारखंड में अबतक कुल 274 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच हुई है, जिनमें 266 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शेष 8 लोगों की रिपोर्ट का इंतजार है। बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी बढऩे के बाद अब जांच किये जाने वाले सैैंपलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सर्विलांस टीम के अनुसार मंगलवार को और भी ज्यादा संख्या में कोरोना जांच के सैैंपल आ सकते हैैं। रिम्स में कोरोना की सैंपल की संख्या लगातार बढ़ रही है। रांची समेत राज्य के दूसरे जिलों से भी सैंपल लेकर रिम्स जांच के लिए आ रहे हैं। सभी की जांच कर 6 से 8 घंटे के भीतर रिपोर्ट जारी कर दी जा रही है।
रांची के मस्जिद में पकड़ी गई महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि, तब्लीगी जमात से जुड़ी है मलेशिया की महिला
रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि सोमवार को दूसरे जिलों से मिलाकर कुल 56 सैंपल की जांच की गई। सोमवार देर रात तक 55 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। एक की रिपोर्ट को दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। डॉ. मनोज ने बताया कि इनमें से कई संदिग्ध ऐसे थे जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। लेकिन विदेश व दूसरे राज्यों से आने के कारण सैंपल लेकर जांच की गई।
वहीं महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों से कुल 22 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए आए। इनमें देर शाम 15 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। शेष सात लोगों की रपिोर्ट मंगलवार शाम तक आएगी।
17 विदेशियों सहित दूसरे राज्य से आने वालों की हुई जांच
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि सोमवार को जांचे गए सैंपलों में 24 ऐसे थे जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री कोरोना प्रभावित देश व राज्य से जुड़ी थी। खेलगांव में ही रिम्स मेडिकल टीम द्वारा सभी का सैंपल लिया गया। दो लॉट में सैंपल की जांच की गई।
कोरोना जांच के लिए 3000 किट पहुंचेंगे रिम्स, ज्यादा संदिग्धों की हो सकेगी जांच
रिम्स में कोरोना वायरस की जांच के लिए लगने वाले किट की कमी के कारण ट्रेवल हिस्ट्री होने के बावजूद कई संदिग्धों की स्क्रीङ्क्षनग के बाद होम क्वारंटाइन में भेज दिया जाता था। अब लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगी। दूसरे राज्य या विदेश से आने वाले सभी की नियमित जांच हो सकेगी। मंगलवार को रिम्स में 3000 जांच किट पहुंच जाएगा। रिम्स से एंबुलेंस समेत एक टीम को किट लाने के लिए वाराणसी रवाना किया गया है। रिम्स निदेशक डॉ डीके ङ्क्षसह ने बताया कि वर्तमान में रिम्स के पास काफी कम किट थे। अब 3000 किट होने पर अधिक जरूरतमंदों की जांच की जा सकेगी। पहले जांच के बाद एनआइवी पुणे या एनआइसीईडी कोलकाता से पुष्टि करानी पड़ती थी, लेकिन अब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद रिम्स ही पुष्टि कर सकेगा। एक लॉट में अधिकतम 45 सैंपलों की जांच हो सकेगी।
ऐसे में पूरे देश की नजर इस वन प्रदेश पर टिकी है। कहा जा रहा है कि लगभग पूरा भारत कोरोना की चपेट मे हैं लेकिन प्राकृतिक संसाधनों से भरे-पूरे इस राज्य में अब तक एक भी केस पॉजिटीव नहीं मिला। लोग-बाग इसकी वजह जानने में जुटे हैं। डॉक्टर से लेकर वैज्ञानिकों तक इसकी पड़ताल भी की जा रही है। माना जा रहा है कि झारखंड मलेरिया जोन रहा है, ऐसे में यहां के लोगों के शरीर में कोरोना से लडऩे का रेजिस्टेंस डेवपल हो गया हो। क्योंकि कोरोना की अभी जो दवाई दी जा रही वह मलेरिया में भी दी जाती है। इधर आंकड़ों की बात करें तो कोरोना के पॉजीटिव केस नहीं मिलने के पीछे बड़ा कारण यह है कि राज्य में कोरोना संदिग्धों की जांच काफी कम हुई हैं। जबकि दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तेलंगना आदि के मुकाबले झारखंड से विदेशों में आवाजाही कम है। इस बीच और राज्यों के मुकाबले झारखंड सरकार ने बिना केस मिले और बिना देर किए सही समय पर पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया।

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