खुशबू ने प्रस्तुत किया ‘हे वीणा वादिनी’ का गायन

गृहस्वामिनी की काव्य गोष्ठी में जुड़ीं देश-विदेश की कवियत्रि
जमशेदपुर : ई-पत्रिका ‘गृहस्वामिनी’ की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें देश विदेश की अनेक कवियत्रियों ने भाग लिया. मंच पर पहली प्रस्तुति यूके के ज्योतिर्मया ठाकुर की कविता ‘प्यार की ताकत’ रही. मॉरीशस की सुनीता आर्या नाईक ने कविता ‘अपनी सपनीली आंखों से जब डोर प्यार की बांधी होगी, मेरी बात चली जब होगी याद तुम्हें तो आई होगी’ सुनाई. ऑस्ट्रेलिया की डा. भावना कुमार की कविता ‘अनोखा रिश्ता’ की प्रस्तुति भी शानदार रही. भाई-बहन के आपसी स्नेह पर आधारित कविता ‘छोटे-छोटे सुख’ ने भी सबका मन मोहा जो उत्तराखंड की कवियत्री रंजीता सिंह ने प्रस्तुत की.
मौके पर खुशबू सिंह ने अर्पणा संत सिंह की रचना ‘हे वीणा वादिनी’ की गायन प्रस्तुति दी. महाराष्ट्र से निक्की शर्मा रश्मि ने मधुर कल्पनाओं को सजाते हुए ‘तब तुम मेरे पास आना प्रिये’ प्रस्तुत की, तो दिल्ली से विनी भटनागर ने पुराने समय में पत्रों की खुशबू में लिपटे समय और वर्तमान समय में तकनीकी उपकरणों पर बंटती भावनाओं के तुलनात्मक स्वरूप को काव्यात्मक रंग दिया. शहर की रीता रानी ने संयोग और वियोग, मिलन और जुदाई इन दोनों पक्षों के बीच की महीन रेखा को विभिन्न रूपों में उकेरेते हुए कविता ‘बात करेंगी कविताएं’ प्रस्तुत की. शहर की ही पुष्पांजलि मिश्रा ने प्रेम के व्यापक स्वरूप पर प्रकाश डालनेवाली ‘अनंत प्रेम’ नामक अपनी कविता की प्रस्तुति दी.
संपादक अर्पणा संत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रेम पर अपनी कविता प्रस्तुत की प्रेम ही ईश्वर है. कार्यक्रम में अन्य साहित्यकार नीरजा राजकुमार, राधा जनार्दन, पूर्वी घोष, प्रदीप दीक्षित, गायत्री ठाकुर, प्रेरणा आर्यनाइक, सत्यनंद लाल, ज्योत्सना आस्थाना, कल्पना जैन आदि की भी उपस्थिति रही. कार्यक्रम का संचालन डा. सुधा सहज ने किया.

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