किसानों को मार्केटिंग के लिये भटकना नहीं होगा, एमेजन से करार
खरसावां:१८ अक्टूबर संवाददाता केंद्रीय जनजातीय केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुं$डा ने रविवार को खरसावां का किया दौरा कर स्थानीय ग्रामीणों के संग बैठक ंंमें कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनानेें अति आवश्यक है। किसान होंगे आत्मनिर्भर तो देश भी आत्मनिर्भर होगा। इस लिए खरसावां-कुचाई को तसर और हल्दी हब के रूप में विकसित किया जायेगा। इसकी योजना तैयार की जा रहा है। उन्होने कहा कि पहले झारक्राट के माध्यम से तसर के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहा था। लेकिन हाल के दिनों में इसमें कुछ गिरावट आयी है। अब तसर के साथ साथ हल्दी की खेती में किसानों को अधिक से अधिक रोजगार से जो$डने और मार्केटिंग की व्यवस्था हमारा मंत्रालय करेगा। श्री मु$डा ने कहा कि हल्दी खेती के मार्केटिंग के लिए अमेजॉन से करार हो चुका है। खरसावां-कुचाई से उत्पादित हल्दी दुनिया के १७० देशों में बिकेगा। अब किसानों को हल्दी की मार्केटिंग के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होने कहा कि किसान हल्दी के औषधीय गुणों एवं आर्थिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए हल्दी की खेती कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इस दौरान बताया गया कि हल्दी की १० महीने की फसल होती है। इसे अप्रैल-जून में लगाकर फरवरी-मार्च में इसे इस्तेमाल में ले सकते हैं। बीज के लिए अप्रैल तक रूक सकते है। हल्दी को मे$ड या फिर जमीन पर उगा सकते है। हर पौधे के बीच ५० सेंटीमीटर और लाइन के बीच की दूरी २० सेंटीमीटर होनी चाहिए। हल्दी उत्पादन से शुद्घ लाभ ९० हजार से एक लाख रूपये तक हो सकता है। एक हेक्टेयर भूमि में ५ से ६ क्विंटल बीज की जरूरत होती है, जिससे ५० से ६० क्विंटल फसल प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि हल्दी की पत्तियों से तेल निष्कासन भी किया जा सकता है। पत्तियों में २.५ से ३ प्रतिशत तक इसेंसियल ऑइल होता है। इस दौरान मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो, उदय सिंहदेव, रामनाथ महतो, सुशील शां$डगी, राजाराम महतो, होपना सोरेन, प्रभाकर मंडल, कंचन चौहान आदि ग्रामीण उपस्थित थे।