“इंग दादा गुरुजी आरो जिताऊ ऐनाय” और इसी तरह से हर बार बड़े भाई शिबू सोरेन के लिए बहन करती पार्थना

विश्वरूप पांडा
झारखंड राज्यसभा के लिए दो सीटों पर हुए चुनाव में से एक सीट पर झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने जीत हासिल कर लिया। परंतु, शिबू सोरेन के लिए यह जीत पहली बार नहीं है। इससे पूर्व में तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं। वहीं, आठ बार दुमका लोकसभा से सांसद तथा एक बार राज्यसभा का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। लेकिन, शिबू सोरेन और उनकी छोटी बहन सुखी टुडू के बीच का प्यार शायद ही झारखंड के किसी राजनीति दल को होगा। सरायकेला – खरसवां जिले के चांडिल के चाकुलिया गांव निवासी सुखी टुडू, शिबू सोरेन की सगी छोटी बहन है। जहां शिबू सोरेन झारखंड के राजनीति में स्वयं को एक पुरोधा के रूप में सिद्ध किए हैं तो वहीं, उनकी बहन आज भी साधारण गृहणी हैं। दोनों में जीवनशैली में अंतर होते हुए आपस में प्यार है।
यह बात तब पता चली जब शुक्रवार की शाम सुखी टुडू को अपने घर के आंगन में दीया और अगरबत्ती जलाते हुए देखा गया। जानने की कोशिश की गई तो वे किसी से बातचीत भी नहीं की। करीब दो घंटे तक इंतजार करने के बाद बातचीत शुरू की। इस दौरान सुखी टुडू से पूछने पर बताया कि जब भी उनके बड़े भाई गुरुजी यानी शिबू सोरेन कोई चुनाव लड़ते हैं और नतीजों का वक्त होता है तब वे पूजा अर्चना करती हैं। चुनाव नतीजों के आने से पहले वह अपने इष्टदेव मरांग बुरु की पूजा शुरू करतीं है। करीब दो घंटे तक पूजा करने के दौरान मौन धारण कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि जब जब चुनाव नतीजों का समय अखबारों में देखती हैं तो उस निर्धारित समय से पहले पूजा करना शुरू कर देती हैं। सुखी टुडू बताती हैं कि वे कभी भी जीत या हार के लिए पूजा या पार्थना नहीं करती हैं। बल्कि, बड़े भाई गुरुजी के राजनीतिक जीवन की जिम्मेवारी अपने इष्टदेव को लेने की पार्थना करती हैं। शुक्रवार शाम को जब शिबू सोरेन के जीत की खबर आई तो उनकी बहन के चेहरे पर काफी उत्साह देखने को मिली। जीत की खबर अपने पड़ोसियों को जोर जोर से देने लगी। संथाली भाषा में कहने लगी “इंग दादा गुरुजी आरो जिताऊ ऐनाय” अर्थात मेरे भैया गुरुजी फिर से जीत गए हैं।

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