हिंदू पक्ष ने कहा- पहले मुस्लिम पक्ष ने कहा कि कोई ढांचा नहीं था, फिर यह कहा कि इस्लामी निर्माण था
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच कर रही है जन्मभूमि विवाद की सुनवाई
हिंदू पक्ष ने इससे पहले कहा था- साम्प्रदायिक सद्भाव को चोट पहुंचाने वाली कोई भी बात नहीं की
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 36वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई हुई। रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि बाबरी मस्जिद के नीचे बहुत बड़ा निर्माण था, यह सबूत संदेह से परे है। वैद्यनाथन ने कहा कि खुदाई में निकाले गए सामान से यह नतीजा निकलता है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर था।
वैद्यनाथन ने 5 जजों की बेंच से कहा- यह दावा कि विवादित ढांचे के नीचे जो निर्माण है, वह ईदगाह की दीवारें या इस्लामिक ढांचा है.. यह सही नहीं है।
खंभों की बुनियादें बताती हैं कि ढांचे के नीचे निर्माण था- वैद्यनाथन
वैद्यनाथन ने कहा- पहले केस यह था कि वहां कोई ढांचा ही नहीं था। दूसरी बार उन्होंने (मुस्लिम पक्ष) ने कहा कि यह एक इस्लामिक ढांचा या ईदगाह की दीवारें थीं। हम कहते हैं कि यह एक मंदिर था, जिसे ढहा दिया गया। खुदाई के दौरान जो खंभों की बुनियादें मिलीं है, वह भी यही कहती हैं। विवादित ढांचे के नीचे कोई निर्माण था, यह सबूत किसी भी संदेह से परे है।
मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा- एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात के कोई सबूत या निशान नहीं मिले हैं कि किसी मंदिर को ढहाया गया।
मुस्लिम पक्ष ने कहा था- ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे साम्प्रदायिक भावनाएं भड़कें
35वें दिन की सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ से सीएस वैद्यनाथन ने कहा- हमने कभी भी ऐसी कोई बात नहीं कही, जिससे साम्प्रदायिक सद्भाव और शांति को नुकसान पहुंचे, लेकिन विपक्षियों ने इस ढांचे में सुराख किया। मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने कहा- हमने ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे साम्प्रायिक भावनाएं भड़कें।