रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का ग? माने जाने वाले संथाल परगना क्षेत्र के 6 जिलों की 16 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को मतदान संपन्न हो गया. हेमंत सोरेन, डॉ लुईस मरांडी, प्रदीप यादव और रणधीर कुमार सिंह जैसे दिग्गज नेता और मंत्री समेत 236 उम्मीदवारों की किस्मत इवीएम में लॉक हो गयी. अब सबकी नजरें 23 दिसंबर पर टिकी हैं, जिस दिन चुनाव परिणाम आयेंगे और मालूम होगा कि इस बार किसकी सरकार बनेगी. रघुवर बरकरार रहेंगे या विरोधी दलों की सरकार अस्तित्व में आयेगी.
जामताड़ा जिला में सबसे ज्यादा 76.22 फीसदी वोटिंग हुई, तो सबसे कम 68.43 फीसदी वोटिंग गोड्डा में हुई. शाम पांच बजे तक साहेबगंज में 69.43 फीसदी, पाकुड़ में 74.07, दुमका में 67.03, जामता?ा में 76.22, देवघर में 75.97 और गोड्डा में 68.43 फीसदी मतदान हुआ.
विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो सबसे ज्यादा 78.01 फीसदी वोटिंग नाला में हुई. राजमहल में 67.23, बोरियो में 71.58, बरहेट में 70.07, लिट्टीपाड़ा में 70.01, पाकुड़ में 76.10, महेशपुर में 74.81, शिकारीपाड़ा में 72.50, नाला में 78.01, जामताड़ा में 74.77, दुमका में 59.73, जामा में 65.27, जरमुंडी-71.53, सारठ में 75.97, पोड़ैयाहाट में 69.61, गोड्डा में 68.54 और महगामा में 67.23 फीसदी मतदान हुआ. संथाल परगना की इन सीटों पर पुराने ट्रेंड के हिसाब से ही मतदान हुआ.
सभी 16 सीटों पर मतदाताओं में अच्छा-खासा उत्साह देखा गया. कुछ सीटों पर इवीएम मशीन में खराबी आयी, जिससे मतदाताओं को परेशानी हुई, लेकिन बाद में इवीएम को बदलकर मतदान कराया गया. मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं. युवा वोटरों में जितना जोश था, उससे ज्यादा जोश महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों ने दिखाया. कड़ाके की ठंड में भी सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर लोगों की लंबी कतारें लग गयीं.
नक्सल प्रभावित बोरियो, बरहेट, लिट्टीपा?ा, महेशपुर और शिकारीपा?ा में मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की भारी भीड़ देखी गयी. नक्सल प्रभावित इलाकों में दोपहर तीन बजे मतदान संपन्न हो गया, जबकि शेष 11 विधानसभा सीट राजमहल, पाकुड़, नाला, जामताड़ा, दुमका, जामा, जरमुंडी, सारठ, पोड़ैयाहाट, गोड्डा एवं महगामा में शाम 5 बजे तक लोगों ने वोट किये. शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के काठीकुंड के सरुआपानी में कुख्यात नक्सली कमांडर ताला दा उर्फ शहदेव राय के पिता बदरी राय ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
838 दिव्यांग और 80 साल से ज्यादा उम्र के 802 मतदाताओं यानी कुल 1640 वोटर्स ने पोस्टल बैलेट से मतदान किया. ये मतदाता पाकुड़, राजमहल, गोड्डा और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के हैं. इसके पहले, देवघर, बोकारो और धनबाद में भी पोस्टल बैलेट की सुविधा दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को दी गयी थी.
आमतौर पर चुनाव शांतिपूर्ण रहा. किसी भी क्षेत्र में किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई. हां, एक-दो जगहों पर स्थानीय कारणों से वोट बहिष्कार जरूर किया गया. चुनाव से पहले एक पुलिसकर्मी की और मतदान करने के बाद एक मतदाता की मृत्यु हो गयी.
बोरियो विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर सूरज साहू नामक मतदाता की मृत्यु हो गयी. 65 साल के सूरज साहू ने बोरियो प्रखंड मुख्यालय के बूथ संख्या 146 पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और मतदान केंद्र से बाहर आते ही वह बेहोश हो गये. उन्हें तत्कालीन पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इससे पहले, जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव ड्यूटी पर तैनात हवलदार सुद्धेश्वर प्रसाद सिंह का निधन हो गया. करीब 50 साल के सुद्धेश्वर प्रसाद सिंह बिहार के वैशाली जिला के हाजीपुर के रहने वाले थे. जामताड़ा में पीसीआर वैन में ड्यूटी पर थे. चुनाव आयोग ने कहा है कि मृतक के परिवार को सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा मिलेगा.
पाकुड़ जिला में महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के महेशपुर प्रखंड मुख्यालय में प्लस टू उच्च विद्यालय के मतदान केंद्र संख्या 88 के बाहर निर्वाचन पदाधिकारियों ने जेएमएम के एजेंट को झंडा के साथ देखा, तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया. यह कार्रवाई सुबह-सुबह हुई. सभी पार्टियों के एजेंटों को पोलिंग बूथ से तय दूरी पर ही बैठने की हिदायत दी गयी.
पोड़ैयाहाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी संजय कुमार सिन्हा का चुनाव से दो दिन पहले निधन हो गया. उनका चुनाव चिह्न आलमीरा छाप था. अब इस सीट पर सिर्फ 7 उम्मीदवार रह गये हैं.
तालझारी प्रखंड के मनोहरपुर गांव में मतदाताओं ने वोट बहिष्कार कर दिया. प्रशासन ने मतदाताओं को काफी समझाया, लेकिन लोग नहीं माने और यहां एक भी मत नहीं पड़ा.
पाकुड़ विधानसभा अंतर्गत बूथ नंबर 32 उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिमलतला में वीवीपैट, सीपीयू एवं इवीएम मशीनों में तकनीकी खराबी आ गयी, तीनों मशीनों को बदल कर नया सेट लगाया गया. करीब 1 घंटे की देरी से मतदान शुरू हो पाया.
लिट्टीपाड़ा के धोपहाड़ी में लोगों ने वोट बहिष्कार किया. रोड नहीं बनने के विरोध में उन्होंने मतदान से इन्कार कर दिया. उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 884 वोटर थे. बताया गया है कि रैयत अपनी जमीन पर स?क नहीं बनाने दे रहे. इसके विरोध में ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया.